Mahakal Mandir: बाबा के जलाभिषेक से वंचित सामान्य श्रद्धालु, मंदिर समिति ने नहीं की उचित व्यवस्था

Diksha Bhanupriy
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Mahakal Mandir

Mahakal Mandir News: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु अक्सर ही यह चाहते हैं कि बाबा महाकाल का जलाभिषेक कर सकें और वैशाख के महीने में इसका विशेष प्रबंध किया जाता। लेकिन फिलहाल मंदिर में जो आलम देखा जा रहा है, वो ये है कि श्रद्धालुओं को बाबा का अभिषेक करने का मौका नहीं मिल रहा है। मंदिर समिति की ओर से सभा मंडप के पास मौजूद जल द्वार और कार्तिकेय मंडपम में जल पात्र नहीं लगाए गए हैं, जिससे श्रद्धालु बाबा को जल अर्पित करने से वंचित हैं।

जो श्रद्धालु 750 रुपए की टिकट लेकर गर्भ गृह में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, वहीं जल अर्पित कर पा रहे हैं। जबकि वैशाख के महीने में बाबा का जलाभिषेक करने का विशेष महत्व होता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु जल चढ़ाने की आस लेकर मंदिर पहुंचते हैं, लेकिन इस बार उनके अरमानों पर पानी फिर गया है।

Mahakal को जल नहीं चढ़ा पा रहे श्रद्धालु

वैशाख का महीना शुरू होने के साथ ही महाकालेश्वर मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इस महीने को शिव आराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है और मंदिरों में शिवलिंग पर जल की मटकी लगाए जाने की व्यवस्था की जाती है। वहीं श्रद्धालु भी महादेव का जलाभिषेक करते हैं।

 

श्रद्धालु तो बड़ी संख्या में महाकालेश्वर मंदिर में जल अर्पित करने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन समिति की ओर से जल पात्र की व्यवस्था ना होने के चलते वह बाबा का अभिषेक नहीं कर पा रहे। कार्तिकेय मंडपम और जल द्वार के पास पात्र लगाने की व्यवस्था नहीं की गई है। इन्हीं पात्रों के जरिए जल मशीन द्वारा श्रद्धालुओं की ओर से अर्पित किया गया जल फिल्टर होकर बाबा महाकाल के शीश पर अर्पित होता है। वैशाख का इतना महत्व होने के बावजूद भी मंदिर समिति ने इस व्यवस्था को नजरअंदाज क्यों किया है, यह बात किसी के भी समझ नहीं आ रही है और श्रद्धालु जल अर्पित करने से वंचित हो गए हैं।

750 की रसीद वाले चढ़ा रहे जल

जो श्रद्धालु गर्भ गृह में दर्शन करने के लिए 750 रुपए की रसीद ले रहे हैं उन्हें सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक बाबा महाकाल का अभिषेक करने का मौका मिल रहा है। यह रसीद भी अब ऑनलाइन बुक की जा रही है और कई लोगों को मौका नहीं मिल पाता है। वहीं शाम 6 से रात 8 बजे तक जो श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं, वह पूजन और श्रृंगार होने से जल अर्पित नहीं कर पाते हैं। इन भक्तों को केवल दर्शन का लाभ मिलता है क्योंकि महाकाल को तय समय के बाद जल नहीं चढ़ाया जाता है। इनके अलावा जो 250 रुपए टिकट और सामान्य दर्शन श्रद्धालु हैं उन्हें जल चढ़ाने का मौका नहीं मिल रहा है।

क्या बोले प्रशासक

श्रद्धालुओं को जल अर्पण की व्यवस्था ना मिलने की बात पर महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक लोकेश चौहान ने बताया कि सभा मंडप में एक जल पात्र लगा है और आने वाले श्रद्धालु यहीं से जल चढ़ाते हैं। वहीं 750 की रसीद वाले भक्त गर्भगृह में जाकर सुबह के समय में जल चढ़ाते हैं, अगर सामान्य श्रद्धालु जल चढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें रसीद कटवानी होगी।

उन्होंने यह भी बताया कि जल पात्र लगाने की वजह से अव्यवस्था फैलती है। मंदिर में फिलहाल निर्माण कार्य चल रहे हैं और पानी गिर जाने की वजह से परिसर गिला हो जाता है। श्रद्धालुओं की मांग को देखते हुए अधिकारियों से चर्चा कर जल पात्र लगाने पर विचार किया जाएगा।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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