उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन (Ujjain) में महाकालेश्वर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को जल्द ही रोप-वे (Rope Way) की सुविधा मिल सकेगी। महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) से होकर त्रिवेणी संग्रहालय से यह रोप-वे स्टेशन तक जाएगा। इस सुविधा को शुरू होने में लगभग 2 साल का समय लगेगा। इसके तैयार हो जाने के बाद 2 किलोमीटर की दूरी 5 मिनट के अंदर तय हो जाएगी। इसका निर्माण शहर के बीच किया जा रहा है इसलिए ये रोप-वे रास्ते में आने वाले मकानों के 10 मीटर ऊपर से गुजरेगा।
केंद्र सरकार की ओर से महाकालेश्वर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधा शुरू करने की बात कही गई थी। खास बात यह है कि इस रोप-वे से श्रद्धालु महाकाल लोक की खूबसूरती को भी निहार सकेंगे। रोप-वे के निर्माण के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 209 करोड़ रुपए की मंजूरी दे चुके हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी के माध्यम से निर्माण कार्य किया जाएगा जिसके लिए टेंडर निकाल दिया गया है।
Must Read- जल्द शादी कर सकते हैं मलाइका-अर्जुन, एक्ट्रेस ने पोस्ट कर लिखी दिल की बात
नेशनल हाईवे अथॉरिटी की ओर से टेंडर निकाल दिया गया है जो 15 नवंबर तक डाला जा सकता है। 16 नवंबर को टेंडर खोलकर एजेंसी तय की जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होने में लगभग 2 महीने का वक्त लगेगा। फिलहाल एनएचए ने प्राथमिक रूट का नक्शा तैयार किया है। विचार विमर्श करने और नागरिकों से सुझाव लेने के बाद फाइनल डिजाइन तैयार की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक इस रोप-वे को हाइब्रिड मोड पर तैयार किया जाएगा। इसके संचालन और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी बनाने वाले ठेकेदार की ही होगी। रोप-वे के लिए टॉवर तैयार किए जाएंगे जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। एक टॉवर महाकाल मंदिर, दूसरा त्रिवेणी संग्रहालय और तीसरा टॉवर रेलवे स्टेशन पर बनाया जाएगा। स्टेशन पर बनाए जाने वाले टॉवर के लिए रेलवे की मंजूरी मिलने के बाद जमीन भी आवंटित की जाएगी।
Must Read- Bhopal: चोरी करने के बाद चोरों ने इंश्योरेंस-फाइनेंस ऑफिस में लगाई आग, उखाड़ दिए CCTV कैमरा
अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक 1.990 किमी के इस सर्वे के लिए प्राथमिकी योजना बनकर तैयार हो गई है। निर्माण एजेंसी तय हो जाने के बाद एक बार फिर सर्वे किया जाएगा। इसके बाद डीपीआर बनाकर निर्माण शुरू किया जाएगा। 2023 तक इस निर्माण कार्य के शुरू होने की बात कही जा रही है। निर्माण करने वाले ठेकेदार को इसे पूरा करने के लिए 18 महीने का समय दिया जाएगा।