महाकाल उज्जैन : भस्म आरती में फर्जी आईडी से शामिल हुआ मो. युनुस मामला दर्ज

Mahakaleshwar

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती में अल्पसंख्यक समुदाय के युवक का फर्जी आधार कार्ड लगाकर आरती में शामिल होने का मामला महाकाल पुलिस के सामने आया, जानकारी मिलते ही महाकाल पुलिस ने धारा 420 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच के बाद महाकाल मंदिर समिति ने मामला उज्जैन पुलिस को सौंप दिया। मामले में पुलिस युवक और उसके साथ आई युवती से पूछताछ कर रही है।

महाकाल उज्जैन : भस्म आरती में फर्जी आईडी से शामिल हुआ मो. युनुस मामला दर्ज

जानकारी के मुताबिक बुधवार प्रातः भस्म आरती के लिए कर्नाटक निवासी मोहम्मद यूनुस मुल्ला ने बुकिंग कराई जो अभिषेक दुबे के नाम से थी । बुकिंग में उसके साथ खुशबू नामक युवती की भी नाम था। दोनों ने मंदिर में 6 नंबर गेट से प्रवेश किया। बता दें यह गेट VIP दर्नार्थियों द्वारा उपयोग में लिया जाता है। गेट से प्रवेश लेने के बाद वे दोनों VIP लोगों के बैठने की जगह बैठ गए।

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दोनों को बैठा देख मंदिर कर्मचारियों को कुछ देर बाद शक हुआ। शक के चलते जब मंदिर कर्मचारियों ने इनसे पूछताछ की तो इनके द्वारा कोई भी उचित जवाब नहीं दिया गया। पूछताछ के बाद मंदिर कर्मचारियों ने इन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस द्वारा दोनों को महाकाल थाने ले जाया गया। थाने में पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने युवक ने स्वीकार किया और बताया की उसका असली नाम मो. यूनुस मुल्ला है और वो कर्नाटक का रहने वाला है। फर्जी नाम से भस्म आरती की बुकिंग कराने के मामले में पुलिस ने IPC की  धारा 420 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर युवक को गिरफ्तार कर लिया है।

 

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मीडिया को जानकारी देते हुए सीएसपी पल्लवी शुक्ला ने बताया कि अभिषेक दुबे खुशबू के भाई का नाम और यूनुस खुशबू का प्रेमी है। जबकि खुशबू द्वारा यूनुस को भाई बताकर भस्म आरती कि बुकिंग कराई गई थी। दोनों महाकाल मंदिर के नजदीक होटल में ही रुके थे जहाँ युनुस ने बुकिंग अपने ओरिजनल आधार कार्ड से कराई थी। शंका होने पर होटल कर्मचारियों दवरा पुलिस को इस बात कि जानकारी दी गई जिसके बाद मंदिर समिति को इस बात से अवगत कराया गय। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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