उज्जैन।
हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व होता है। ज्योतिषाचार्य की मानें तो पंचागीय गणना के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। लेकिन इस बार 12 जून को गंगा दशहरे पर दिव्य संयोग बन रहा है। इस बार गंगा दशहरे पर वैसे ही 10 दिव्य महायोग बन रहे हैं, जिन योगों में देवी गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। बीते 75 साल के बाद इस तरह का विशेष तथा दिव्य संयोग नहीं बना है। इस दिन माँ गंगा तथा अन्य तीर्थों के समीप गंगा पूजन करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
क्या है गंगा दशहरा का एतिहासिक महत्व?
वेद-पुराणों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन माँ गंगा के स्नान का विशेष महत्व होता है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस दिन स्वर्ग से मय्या गंगा का धरती पर आगमन हुआ था, इसलिए इस पर्व को महापुण्यकारी पुराणों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन स्वर्ग से गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था, इसलिए यह महापुण्यकारी माना जाता है। इस दिन गंगा मंदिरों में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। गंगा दशहरा के दिन गंगा मंदिरों में भगवान शिव का अभिषेक भी किया जाता है।
क्या है इस दिन को लेकर मान्यता?
इस दिन को लेकर ऐसी मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति इस दिन गंगा नदी में स्नान करता है तो उसे उसके सभी पापकर्मों से छुटकारा मिल जाता है। यदि गंगा नदी तक जाना संभव न हो सके तो अपने घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर, उससे स्नान करें और दोनों हाथ जोड़कर मन ही मन गंगा मैय्या को प्रणाम करें।