सावन से पहले No Vehicle Zone होगा महाकाल क्षेत्र, सिर्फ ई-रिक्शा होंगे संचालित

Diksha Bhanupriy
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No Vehicle Zone

No Vehicle Zone: हर साल सावन के महीने में बाबा महाकाल की सवारी का आयोजन किया जाता है। इस बार पहले सवारी 10 जुलाई को निकल जाने वाली है, जिसे देखते हुए तैयारी का दौर शुरू हो चुका है। सावन का महीना करीब आते ही उज्जैन में श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा होने लगता है। इसी को देखते हुए महाकाल क्षेत्र को जल्द ही नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया जाएगा।

इस व्यवस्था के तहत मंदिर से दो से तीन किलोमीटर के दायरे में सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा और केवल ई रिक्शा का संचालन होगा। इसमें भी केवल 250 अनुबंध ई रिक्शा ही क्षेत्र में संचालन कर सकेंगे। यूसीटीसीएल की ओर से टेंडर आमंत्रित किए गए हैं और एक सप्ताह के भीतर टेंडर ओपन होने के साथ ही नो व्हीकल जोन का क्षेत्र स्पष्ट कर दिया जाएगा।

लगातार बढ़ रही भीड़

उज्जैन में जब से महाकाल लोक का निर्माण हुआ है श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। एक से 1.5 लाख श्रद्धालु रोजाना इस क्षेत्र में पहुंच रहे हैं जिस वजह से चक्का जाम की स्थिति आम हो गई है। कोई खास अवसर या फिर त्योहारों के मौके पर प्रशासन को व्यवस्था संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इन सभी परिस्थितियों की समीक्षा करने के बाद ही कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की ओर से महाकाल मंदिर क्षेत्र को नो व्हीकल जोन बनाए जाने की बात कही गई थी।

 

इसके लिए ये सुझाव दिया गया था कि दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में अनुबंध ई रिक्शा का संचालन किया जाए। कलेक्टर की ओर से आरटीओ, नगर निगम, यातायात और स्मार्ट सिटी को आपसी समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे जिसके बाद अब टेंडर निकाला गया है। एक सप्ताह के भीतर इसके खुलने का अनुमान लगाया जा रहा है।

No Vehicle Zone की व्यवस्था

मंदिर के दो से तीन किलोमीटर के दायरे में नो व्हीकल जोन घोषित किया जाने वाला है। इसके बाद यहां सिर्फ ई रिक्शा का संचालन किया जा सकेगा और वो भी अनुबंधित रहेंगे।

सावन की सवारी का दौर शुरू होने से पहले नई व्यवस्था के लागू होने का अनुमान जताया जा रहा है ताकि भीड़ प्रबंधन में आसानी हो।

इन ई रिक्शा के लिए चार से पांच स्टेशन बनाए जाएंगे ताकि यात्री अपनी सुविधा के अनुसार आना जाना कर सके। किराया भी दूरी के अनुसार पहले ही तय कर दिया जाएगा।

इन सभी आई रिक्शाओं को एक ही रंग का रखा जाने वाला है इसी के साथ इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि महिला ई रिक्शा संचालक ज्यादा रखी जाए ताकि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिले।

नो व्हीकल जोन के लाभ

मंदिर क्षेत्र में नो व्हीकल जोन लागू होने के बाद ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी। इससे भीड़ प्रबंधन में मदद होने के साथ दुर्घटनाएं भी कम होगी। पर्व और त्योहारों के समय पड़ने वाले भीड़ के प्रबंधन में प्रशासन को सुविधा रहेगी। यात्रियों द्वारा अधिक किराया वसूलने की जो शिकायत मिलती है, उसमें भी कमी आने के अनुमान है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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