उज्जैन। अर्पण कुमार।
उज्जैन 28 जनवरी। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक पुजारी उनके मन्दिर में भस्म आरती के लाऊड स्पीकर हटाने का विरोध कर रहे हैं। वीडियो एवं पेपर कटिंग की जांच करने पर उक्त वीडियो आष्टा तहसील का है, किन्तु उज्जैन स्थित कई सोशल मीडिया समूहों में उक्त वीडियो श्री महाकालेश्वर मन्दिर उज्जैन की भस्म आरती से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। घटना के पश्चात प्रात: महाकाल मन्दिर के जनसम्पर्क ग्रुप द्वारा सोशल मीडिया पर भ्रामक चलाये जा रहे वीडियो एवं लेख का खंडन किया जाकर चेतावनी दी गई कि भ्रामक वीडियो एवं लेख जारी करने पर कार्यवाही की जायेगी। कुछ लोगों द्वारा वाट्सअप एवं फेसबुक के माध्यम से वीडियो एवं लेख लिखकर महाकाल मन्दिर के नाम से वायरल किया जा रहा है जैसे फेसबुक पेज रूपेश ठाकुर मित्र मण्डली पर वीडियो एवं लेख लिखे गये हैं जो कि “काला दिन उज्जैन के इतिहास में, पवित्र भस्म आरती के माइक से छेड़छाड़ सभी हिन्दू भाई देखें और विरोध करें”, “उज्जैन में शरिया कानून लागू, बाबा महाकाल की पवित्र भस्म आरती का माइक बन्द”, “उज्जैन में शरिया कानून लागू, बाबा महाकाल के मन्दिर में सुरक्षा गार्ड जय श्री महाकाल नहीं बोल सकते, न कलावा बांध सकते हैं”।
श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री एसएस रावत ने इस सम्बन्ध में बताया कि उपरोक्त लेख एवं वीडियो से मन्दिर की छवि धुमिल हुई है एवं प्रतिष्ठा का अल्पीकरण हुआ है। ऐसे लेख एवं वीडियो वायरल करना आईटी अधिनियम का उल्लंघन है। प्रशासक श्री रावत ने महाकाल थाने के थाना प्रभारी को पत्र भेजकर निर्देश दिये हैं कि फेसबुक पेज रूपेश ठाकुर मित्र मण्डली के ग्रुप एडमिन के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करना सुनिश्चित करें और साथ ही अन्य सोशल मीडिया जैसे वाट्सअप एवं फेसबुक के द्वारा भ्रामक रूप से श्री महाकालेश्वर मन्दिर के नाम से वायरल वीडियो एवं लेख की जांच कर प्रकरण पंजीबद्ध करें।
महाकाल मामला: वायरल वीडियो की जांच कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश
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