Mahakal Wedding Reception Invitation: उज्जैन स्थित बाबा महाकालेश्वर के मंदिर में हर त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व भी यहां उल्लास के साथ मनाया गया। भोलेनाथ ने अपनी पार्वती के संग विवाह रचा लिया है लेकिन अब इसका रिसेप्शन दिया जा रहा है।
उज्जैन में यह क्रम पिछले 23 सालों से चला रहा है और महाशिवरात्रि के बाद हर साल रिसेप्शन के रूप में भक्तों को भोज कराया जाता है। ऐसा नहीं कि लोगों को पता होता है इसलिए वह यहां प्रसादी के रूप में से ग्रहण करने के लिए पहुंच जाते हैं बल्कि बकायदा पत्रिका छपाई जाती है और उसे शहर के हर घर तक भेजा जाता है।
23 सालों से हो रहा आयोजन
श्री महाकालेश्वर का विवाह समारोह उज्जैन में कई दिनों तक मनाया जाता है। महाशिवरात्रि की 9 दिन पहले से शिव नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है। जहां बाबा अलग अलग रूपों में दर्शन देते हैं। शिवरात्रि के दिन विशेष पूजन अर्चन होता है और इसके दूसरे दिन बाबा दूल्हा स्वरूप में दर्शन देते हैं और उनके सिर पर सेहरा सजाया जाता है।
इसके बाद भी बाबा की विशेष पूजन आरती, साल भर में एक बार होने वाली दोपहर की भस्म आरती और पंचमुखारविंद श्रृंगार समेत कई रस्में निभाई जाती है। इसी कड़ी में 4 मार्च को महाकालेश्वर शयन आरती भक्त मंडल की ओर से विवाह के रिसेप्शन का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए आकर्षक इनविटेशन छपवाया गया है जिसे देखकर हर कोई हैरान है।
इस बार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वादशी के महा प्रदोष काल में इस भोज का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भोजन करने के लिए पहुंचेंगे। स्थानीय लोगों के अलावा इस दिन बाहर से आए हुए लोगों का जमावड़ा भी भोजन प्रसादी के लिए उमड़ता हुआ दिखाई देगा।
ऐसा है Mahakal Wedding Reception का निमंत्रण
महाकाल और माता पार्वती के विवाह के बाद रखे जा रहे इस रिसेप्शन का जो आमंत्रण पत्र छपवाया गया है वह बहुत ही आकर्षक है। जिस तरह से पत्रिका में दूल्हा दुल्हन की समस्त जानकारी दी होती है वैसी ही जानकारी इस पत्रिका में भी छपवाई गई है।
महाकालेश्वर को स्वयंभू ब्रम्हांडनायक निवासी कैलाश पर्वत बताया गया है और माता पार्वती के नाम के साथ पुत्री नैना देवी, पर्वतराज हिमालय निवासी उत्तराखंड लिखा गया है। इसी तरह दर्शनाभिलाषी में रिद्धि सिद्धि, श्री गणेश और कार्तिकेय समेत अन्य भगवानों के नाम लिखे गए हैं।
विनीत में नंदी महाराज, मणिभद्र, वीरभद्र, कार्तिक मुख हनुमान, घंटा करण और नाकोड़ा भैरव महाराज का नाम लिखा हुआ है। स्वगतातुर में 33 करोड़ देवी देवताओं का उल्लेख इस पत्रिका में दिया हुआ है।
हजारों की संख्या में छपवाए गए ये कार्ड सोशल मीडिया और व्यक्तिगत माध्यम से लोगों तक पहुंचाए गए हैं और हर कोई इस पत्रिका को देखकर हैरान है और साथ ही खुश भी है कि उन्हें बाबा के विवाह समारोह के भोज में जाने का अवसर मिला है। 4 मार्च को शाम 5 बजे से ये रिसेप्शन रखा गया है जिसमें भक्तों की भीड़ उमड़ती नजर आएगी।