MP News: मंगलवार को लोकयुक्त ने भाजपा के वरिष्ठ नेता पारस जैन, पीडब्ल्यूडी के तीन इंजीनियर समेत 8 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज किया है। दो वर्ष पहले उज्जैन लोकायुक्त उज्जैन को की गई शिकायत के आधार पर की गई जांच के बाद 8 अधिकारियों के खिलाफ अपने पद का दुरूपयोग करने पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
2 साल पहले लोकायुक्त के पास आई थी शिकायत
2 साल पहले शिकायतकर्ता श्री दिनेश चौहान निवासी देवास द्वारा लोकायुक्त भोपाल को उज्जैन उत्तर विधानसभा के पूर्व विधायक पारस जैन द्वारा लगभग पांड्याखेड़ी गांव में स्थित सिलिंग की जमीन को पद का दुरूपयोग कर लगभग 15 बीघा जमीन अपनी पत्नि श्रीमती अंगूरबाला जैन के नाम से कॉटन मर्चेंट शैक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास के नाम से लगभग 80 लाख रूपये में बेचने की शिकायत की थी। साथ ही करीबन 2 बीघा नाले से लगी हुई शासकीय भूमि पर भी अवैध कब्जा कर करने और कृषि भूमि के चारों ओर बाउण्ड्री वाल बनाने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता के मुताबिक विधायक निधि की राशि लगभग 81 लाख रूपये अपने निजी कार्य में उपयोग किया है।
सरकार को हुआ लाखों का नुकसान
विधायक द्वारा अपने पद का दु रूपयोग कर शासकीय विधायक निधि की राशि को अपने निजी हित में उपयोग कर शासन को लगभग 153.72 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया है। 44.76 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति योजना और सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी की जा चुकी हैं, उक्त प्रशासकीय स्वीकृति वर्तमान कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग के तकनीकी स्वीकृति पर जारी हुई हैं। जिसका कार्य अभी किया जाना शेष है। 44.76 लाख रूपये का कार्य किया जाना शेष है।
जांच के दौरान हुए कई खुलासे
- जाचं के दौरान उक्त नाले की सुरक्षा दीवाल निर्माण से किसी भी प्रकार की सार्वजनिक हित परिलक्षित नहीं हुआ है, ना ही नगर निगम से पूर्व स्वीकृत सुरक्षा दीवाल की अनापत्ति प्राप्त की गई है।
- उक्त सुरक्षा दीवाल के निर्माण कार्य को जनहित में कराने के लिए नाले के आस-पास रहवायियों का कोई अनुमोदन भी नहीं है। उक्त नाले के प्रवाह के विपरीत दिशा में सुरक्षा दीवाल एवं तटबंध से कहीं अधिक ऊंचाई तक सुरक्षा वॉल (बॉउण्ड्री वॉल) का निर्माण कराया।
- पारस चन्द्र जैन ने निजी पारिवारिक भूमि के हितों को साधने में छल व षड़यन्त्रपूर्वक कार्य किया। निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग एवं संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन के अधिकारीगणों की भूमिका भी परिलक्षित हुई है।
- लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण द्वारा तत्कालीन पारस चन्द्र जैन की निजी कृषि भूमि उनकी पत्नी अंगुरबाला, उनके भाई विमल कुमार जैन की पत्नी श्रीमती संगीता जैन के नाम से शासकीय राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है, जो कि खसरा नंबर 9 में स्थित है।
- नाले की सुरक्षा दीवाल बनाया जाना पाया गया है और उक्त भूमि से लगी हुई निर्मित नाले की भूमि खसरा नंबर 10 में होकर शासकीय भूमि है, उक्त नाले से लगी हुई कृषि भूमि खसरा नंबर 9 पर नाले की सुरक्षा दीवार नाले के तटबंध की ऊंचाई से भी कहीं 10 फिट अधिक और कहीं पर 6 फिट के लगभग अधिक बॉउण्ड्री वॉल का निर्माण किया गया है। जबकि निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग से प्राप्त दस्तावेजों एवं योजना एवं सांख्यिकी विभाग से प्राप्त दस्तावेजों में नाले की शासकीय भूमि खसरा नंबर 1 पर सुरक्षा दीवार बनाया जाना उल्लेखित किया गया है।
इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज
- तत्कालीन विधायक श्री पारस चंद्र जैन, उज्जैन
- राजेन्द्र कुमार जैन तत्कालीन अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग, उज्जैन मण्डल
- जी.पी. पटेल तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन मण्डल
- सीमा सागर, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग उज्जैन,
- संदीप बेनीवाल, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग संभाग उज्जैन
- शरद त्रिपाठी, उपयंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन,
- गौतम अहिरवार, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग उज्जैन
- डॉ. राजश्री सांकले, जिला सांख्यिकी अधिकारी योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय उज्जैन