MP Tourism Hindi: घूमने फिरने के लिहाज से भारत में एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है। राजस्थान की खूबसूरत वेशभूषा हो, गुजरात की मीठी बोली, बिहार का प्रसिद्ध लिट्टी चोखा या फिर उत्तराखंड और हिमाचल की वादियां यहां वह हर जगह और चीज मौजूद है, जो दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। मध्य प्रदेश को हिंदुस्तान का दिल कहा जाता है और यहां एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक और धार्मिक जगह मौजूद है, जहां घूमने के लिए पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है।
वैसे तो मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का हुजूम है। लेकिन यहां कुछ ऐसे स्थान मौजूद है, जो अपने रहस्य और खासियत की वजह से पहचाने जाते हैं। आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं वो एक म्यूजियम है जहां पर कई पुरातात्विक चीजों को संरक्षित कर रखा गया है।
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धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी उज्जैन
उज्जैन मध्य प्रदेश की धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध है। अपने धार्मिक, साहित्यिक और पुरातात्विक मान से विश्व पटल पर उज्जैन में कई बार अपना नाम अंकित किया है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भारत समेत विश्व भर के इतिहासकार और साहित्यकार प्राचीन कला से जुड़ी महान जानकारी से जुड़े विभिन्न आयोजनों में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। इतिहास और पुरातात्विक धरोहर के रूप में उज्जैन बहुत ही अमूल्य है।
इस प्राचीन नगरी में हर तरफ अनेक जानकारियां मौजूद है। जिनमें से कुछ के बारे में लोगों को पता है लेकिन कुछ के संबंध में बहुत कम लोगों को जानकारी है। आज हम आपको यहां मौजूद एक ऐसी पुरातन चीज के बारे में जानकारी देते हैं, जो आपको हैरान कर देगी।
प्रसिद्ध है विक्रम विश्वविद्यालय पुरातत्व संग्रहालय
उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी में एक पुरातत्व संग्रहालय बना हुआ है, जहां पर कई पौराणिक चीजों को सहेज कर रखा गया है। यहां पर एक बड़े से कांच के शोकेस में विशाल सा मस्तक सहेज कर रखा गया है, जो किसी को भी अचंभित कर सकता है। चलिए आपको हाथी के मस्तक के बारे में जानकारी देते हैं जो हैरान करने वाली है।
5 लाख साल पुराना हाथी का मस्तक
कांच में जिस हाथी के मस्तक को बड़े ही सहेज कर रखा गया है वह कोई साधारण सा मस्तक नहीं है। भगवान इंद्र के ऐरावत हाथी के संप्रदाय के एक हाथी का मस्तक है, जो लगभग 5 लाख वर्ष पुराना है। यह भारत के सबसे बड़े हाथी का मस्तक भी बताया जाता है। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर की देवाकचार नदी से 12 जून 1979 को यह खुदाई के समय मिला था, जिसके बाद इसे उज्जैन लाया गया।
ये चीजें भी है मौजूद
विक्रम विश्वविद्यालय पुरातात्विक संग्रहालय में ना सिर्फ ये विशाल का हाथी का मस्तक मौजूद है बल्कि यहां पर लाखो वर्ष पुराने दरियाई घोड़े के दांत, गेंडे के सींग समेत 200 फॉसिल्स मौजूद है, जिन्हें बहुत सहेज कर रखा गया है।