कोरोना काल में ऑनलाइन हो रहे कर्मकांड और पिंडदान, वीडियो कॉलिंग से पूजा करवा रहे पंडित

ऑनलाइन

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना काल और कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) के चलते अब कर्मकांड और पिंडदान भी ऑनलाइन (Online) होने लगे है। कारण हिंदू रीति रिवाज के अनुसार मरने के बाद होने वाले कर्मकांड संस्कार और तेहरवीं भोज है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में कर्मकांड करवाने के लिए न तो पंडित मिल रहे हैं और न ही तेरहवीं पर भोज के लिए ब्राहमण। पंडित और ब्राहमण दोनों ही घर पर आकर कर्मकांड और भोज करने से मना कर रहे हैं, ऐसे में ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग (Video calling) के माध्यम से सभी विधि विधान करवाए जा रहे है।

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दरअसल,कोराेना ने सबकुछ बदल दिया है। पहली बार दिवंगतों की आत्मशांति, मुक्ति और मोक्ष के लिए होने वाला कर्मकांड व गरुड़ पुराण भी ऑनलाइन किया जा रहा है।  ताजा मामला उज्जैन से सामने आया है जहां  शिप्रा नदी के राम घाट पर तीर्थ पुरोहितों द्वारा लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु पर आत्मशांति के निमित्त होने वाले कर्मकांड पिंड दान और गरुड़ पुराण को ऑनलाइन किया जा रहा है वीडियो कॉलिंग के माध्यम से पंडितों द्वारा पूजन विधि संपन्न कराई जा रही है ।इसके दो कारण हैं, पहला संक्रमण का डर और दूसरा लॉकडाउन। ऐसे में प्रतिदिन उज्जैन के रामघाट पर अब पंडित पुजारी द्वारा ऑनलाइन कर्मकांड कराए जा रहे हैं।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)