उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में आगामी 13 फरवरी से शिव-नवरात्रि उत्सव की शुरुआत होगी। यह उत्सव पूरे नौ दिन मनाया जाएगा। इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर में विभिन्न आयोजन और विशेष अनुष्ठान होंगे। वहीं, भगवान महाकाल श्रद्धाओं को नौ दिनों तक अलग-अलग नौ स्वरूपों में दर्शन देंगे। इसके लिए मंदिर प्रबंध समिति द्वारा जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर में साफ-सफाई के अलावा पुताई का काम अंतिम चरण में है। पूरे मंदिर को आकर्षक रूप में सजाया जा रहा है।
महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में आगामी 22 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इससे पहले 21 फरवरी की रात भगवान महाकाल की महापूजा होगी। वहीं, आगामी 13 फरवरी से शिव-नवरात्रि उत्सव मनाया जाएगा। शिव-नवरात्रि के दौरान भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने शिव-नवरात्रि उत्सव की जानकारी देते हुए बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में यह उत्सव नौ दिन तक चलेगा। इस दौरान भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। नौ दिन तक भगवान अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। इनमें जलधारी महाकाल, शेषनाग, घटाटोप, छबीना, होलकर, मनमहेश, उमा महेश, शिव तांडव आदि शामिल हैं। वहीं, नौ दिन तक शाम को होने वाली आरती में भगवान महाकाल को दूल्हे की तरह सजाया जाएगा। इस दौरान नौ दिनों तक मंदिर के गर्भगृह में सुबह 9.30 बजे से दोपहर एक बजे तक विशेष अनुष्ठान होंगे, जिनमें एकादश-एकादशिनी रूद्राभिषेक आदि शामिल रहंगे। इसके बाद भोग आरती होगी। शिव-नवरात्रि के दौरान रोजाना शाम को पांच वजे होने वाली संध्या पूजा का समय भी परिवर्तित किया गया है। भगवान महाकाल की संध्या आरती दोपहर 3.00 बजे होगी। इसके बाद शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा।