Nag Panchami 2023: कल देशभर में नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाने वाला है। भगवान भोलेनाथ के गले में विराजित रहने वाले नाग देवता को समर्पित में त्यौहार उज्जैन के लिए काफी खास होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि महाकालेश्वर मंदिर के ऊपरी भाग में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में एक बार सिर्फ नाग पंचमी के दिन खुलते हैं।
इस मंदिर में भगवान शिव की अनोखी प्रतिमा अपने पूरे परिवार के साथ विराजित है, जिसके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। इस साल 21 अगस्त को नाग पंचमी का त्यौहार है। 20 अगस्त की रात 12 बजे से ही मंदिर के पट खुल जाएंगे और भक्तों का ताता दर्शन के लिए उमड़ने लगेगा। बड़ी संख्या में श्रद्धालु वर्ष में एक बार खुलने वाले इस मंदिर के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं, जिसके चलते प्रशासन द्वारा व्यापक इंतजाम किए जाते हैं।
11वीं शताब्दी की है प्रतिमा
महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर नागचंद्रेश्वर महादेव का मंदिर है। यहां पर शिव परिवार की 11वीं शताब्दी की एक प्रतिमा स्थापित है। इस अनूठी प्रतिमा में भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ सात फनों वाले नाग पर विराजित हैं। यहां भगवान शिव के वाहन नंदी और पार्वती के वाहन सिंह भी विराजित है।
इस मूर्ति में भगवान गणेश ललितासन स्वरूप में विराजित हैं। मां उमा के दाई ओर कार्तिकेय विराजित हैं, जिनके ऊपर सूर्य चंद्रमा अंकित है। ऐसा बताया जाता है की इस प्रतिमा को नेपाल से यहां पर लाया गया था और दुनिया में ऐसी अन्य प्रतिमा कहीं भी नहीं है।
होती है त्रिकाल पूजा
नाग पंचमी के दिन इस मंदिर के पट 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं और भगवान नागचंद्रेश्वर का त्रिकाल पूजन किया जाता है। रात 12 बजे पट खुलने के बाद मंदिर में स्थित मूर्ति का पूजन अभिषेक किया जाता है और विशेष त्रिकाल पूजन की जाती है। शासकीय पूजन के बाद नागचंद्रेश्वर के पट 24 घंटे के लिए खुले रहते हैं और नाग पंचमी की रात 12 बजे बंद हो जाते हैं।
दर्शन व्यवस्था
नाग पंचमी पर सावन का सोमवार पड़ रहा है, जिसके चलते बाबा महाकाल की सवारी भी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी। 20 अगस्त रात 12 बजे से मंदिर के पट खोले जाएंगे जो 21 अगस्त की रात 12 बजे तक खुले रहेंगे। जो श्रद्धालु दर्शन करना चाहते हैं, वह 21 अगस्त की रात 10 बजे तक लाइन में लग सकते हैं, उसके बाद कतार में नहीं लगने दिया जाएगा।