MP News : लोकायुक्त का एक और एक्शन, नगर निगम दरोगा रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार, चेक दिलवाने के नाम पर मांगे थे पैसे

Pooja Khodani
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Ujjain Nagar Nigam officer bribe News : मध्य प्रदेश में रिश्वत और भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। आए दिन लोकायुक्त समेत अन्य टीमों द्वारा प्रदेश के अलग अलग जिलों से रिश्वत लेने वाले सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में अब उज्जैन नगर निगम के दरोगा का भी नाम जुड़ गया है, लोकायुक्त टीम ने दरोगा को गैर-हाजिरी नहीं लगाने और बेटी की शादी का चेक दिलवाने के नाम पर 1500 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है।लोकायुक्त टीम में डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव भी शामिल थी। आगे की कार्यवाही चिमनगंज पुलिस थाने पर की गई।

चेक दिलवाने 1500 रुपए की मांग थी रिश्वत

मिली जानकारी के अनुसार, आवेदक अजीज सक्तार हेला ने उज्जैन लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को 4 अगस्त 2023 से शिकायत की थी कि नगर निगम के दरोगा कृष्णपाल बोयत ने गैर-हाजिरी नही लगाने के और बेटी की शादी का 50000 का चेक दिलवाने के लिए 1500 रुपये की रिश्वत मांगी है। इसके बाद टीम ने जब इस शिकायत का सत्यापन किया तो सच साबित हुई।  इसके बाद लोकायुक्त एसपी ने ट्रैप दल गठित किया गया और फिर शनिवार को रिश्वत की रकम आवेदन के हाथ गायत्री नगर महाकाल स्पेयर दुकान के सामने  दरोगा को देने के लिए बुलाया।  जैसे ही दरोगा ने आवेदक अजीज सक्तार हेला से ली तो ट्रैप टीम ने उसे दबोच लिया।

रिश्वत के पैसों के साथ पैंट भी जब्त

इतना ही नहीं आरोपित ने सफाई कर्मचारी से रिश्वत की रकम लेकर शर्ट पैंट की जेब में रख ली थी,  जिस पर उसे चिमनगंज थाने ले जाकर पैंट जब्त की और दूसरी पैंट बुलवाकर पहनाई। आरोपित सफाईकर्मी से हर माह घूस की मांग कर रहा था। सफाई कर्मचारी अजीज ने बताया कि वह दो शिफ्ट में काम करता है। पहली शिफ्ट सुबह 6 से 10 बजे तक तो दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक है। उसे प्रतिमाह 8000 रुपये वेतन मिलता है। बीते तीन माह से आरोपित एक हजार रुपये की घूस मांगता था। अब उसका वेतन 250 रुपये बढ़ गया है। जिसके बाद उसने रिश्वत की राशि भी बढ़ाने को कहा था। वही पूरे शहर के सफाईकर्मियों से इसी तरह दरोगा रिश्वत की मांग करते हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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