Ujjain News : मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन पूरी दुनिया में 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकाल मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। हाल ही में शहर में विकास की दृष्टि से कोई बाधा न हो, इसके लिए सभी धर्मों के नागरिकों ने आपसी तालमेल और समन्वय से जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान करते हुए सांप्रदायिक सौहार्द का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि उज्जैन शहर के केडी मार्ग के चौडीकरण का कार्य इस समय प्रगति पर है, वहीं केडी गेट तिराहें से तीन इमली चौराहे मार्ग में सभी धर्मों के 18 धार्मिक स्थल एवं निजी भवन विकास में बाधा बन रहे थे, जिन्हें स्थानीय नागरिकों के जनसहयोग व आपसी सामंजस्य, समन्वय व स्वेच्छा से शांतिपूर्वक ढंग से हटाने की कार्रवाई की गई हैं। जिसमें धार्मिक स्थलों के व्यवस्थापकों, पुजारियों और लोगों द्वारा भी सहयोग किया गया। 18 धार्मिक स्थलों में 15 मंदिर, 2 मस्जिद, एक मजार हैं, जिन्हें पीछे करने और अन्यत्र स्थापित करने की कार्रवाई की गई हैं। हटाई गई प्रतिमाओं को प्रशासन द्वारा धार्मिक स्थलों के व्यवस्थापकों द्वारा बताए गए निर्धारित स्थान पर विधि विधान से स्थापित किया गया। साथ ही, 20 से अधिक घरों का आगे का हिस्सा बढ़ा हुआ था, इसलिए उनके मालिकों ने स्वेच्छा से उस हिस्से को तोड़ दिया।
धार्मिक भावना का न हो आहत इसका रखा गया विशेष ध्यान
धार्मिक स्थलों को हटाने से पहले कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने सभी संप्रदायों के व्यस्थापकों से चर्चा की गई और समझौता किया गया। कलेक्टर के निर्देशानुसार किसी भी संप्रदाय की धार्मिक भावना आहत न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा गया।
प्रशासन, पुलिस और नगर निगम के अमले ने निभाई सक्रिय भूमिका
केडी मार्ग का विस्तार करने के लिए कलेक्टर एवं एसपी के मार्गदर्शन में निगमायुक्त आशीष पाठक, एडीएम अनुकूल जैन, पुलिस उपाधीक्षक जयंत सिंह राठौड़ एवं अन्य अधिकारियों ने विभिन्न धार्मिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर सक्रिय भूमिका निभाई। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे केडी मार्ग के लिए विभिन्न सेक्टर्स में कार्यपालिक मेजिस्ट्रेट्स की ड्यूटी लगाई गई। प्रशासन पुलिस एवं नगर निगम का अमला भी मुस्तैद रहा।