जनता से बोले शिवराज, “झूठ बोले कौवा काटे”, कलेक्टर की ली क्लास 

Gaurav Sharma
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उमरिया, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को उमरिया जिले का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण जनों की समस्याएं सुनी औ र उन्हें ऑन स्पॉट हल करने के निर्देश भी दिए। कुछ मामलों में फिसड्डी रहने पर उन्होंने कलेक्टर की क्लास भी ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर इन दिनों मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान चलाया जा रहा है जो 15 दिन तक चलेगा। इसके तहत मुख्यमंत्री कुछ और उनके मंत्री प्रदेश के हर इलाके में जाकर जनता से रूबरू हो रहे हैं और उनकी समस्याओं को मौके पर ही हल करने के प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री बुधवार को उमरिया पहुंचे और ग्रामीण क्षेत्र में उन्होंने जनता से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सरकारी योजनाओं की लिस्ट अपने पास रखी और मंच के दूसरे सिरे पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव सहित जिले के आला अधिकारियों को खड़ा किया और एक एक योजना के बारे में पूछना शुरू किया। मुख्यमंत्री ने जनता से पूछा कि प्रधानमंत्री द्वारा किसानों के खाते में दिए जाने वाले 6000 रू और मुख्यमंत्री द्वारा दिए जाने वाले 4000 रू किस-किस किसान के खाते में नहीं आ रहे हैं तो बड़ी संख्या में किसानों ने हाथ उठा दिए। मुख्यमंत्री ने लोगों से यह भी कहा कि वे सच बोले, अगर झूठ बोलेंगे तो कौवा काटेगा।

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बड़ी संख्या में लोगों के नाम न जुड़ने से मुख्यमंत्री नाराज हुए और उन्होंने कलेक्टर से इसकी जवाबदेही के बारे में पूछते हुए कहा कि यह दिखता है कि गंभीरता के साथ नाम नहीं जोड़े गए। उन्होंने कलेक्टर को तत्काल निर्देश दिए कि हर हालत में जल्द से जल्द ही नाम जुड़ जाने चाहिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पोषण आहार, मध्यान भोजन, आयुष्मान योजना और लाडली लक्ष्मी योजना जैसी योजनाओं के बारे में लोगों से फीडबैक लिया और निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में लाभान्वित हो सकने वाले लोग इससे वंचित ना हो।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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