बांधवगढ़ जन्माष्टमी महोत्सव : विंध्य की परंपरा और आस्था का मामला, धरने पर बैठे BJP विधायक और महाराज, गिरफ़्तारी शुरू

Kashish Trivedi
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उमरिया, डेस्क रिपोर्ट। देश सहित मध्य प्रदेश में आज जन्माष्टमी (Janmashtami) का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। इसी बीच उमरिया में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में आस्था को लेकर आमजन और प्रशासन के बीच ठनी बन बैठी है। उमरिया (umaria) के बांधवगढ़ के किले में ऐतिहासिक मेले का आयोजन किया जाता है। हर वर्ष कृष्णाष्टमी (krishna janmashtmi) पर बांधवगढ़ में इस मेले में हजारों श्रद्धालु भगवान के दर्शन करते हैं।

हालांकि इस बार प्रशासन की तरफ से वन क्षेत्र में हाथियों के अधिक मूवमेंट को बड़ी वजह बताते हुए इसकी इजाजत नहीं दी गई है। जिस पर रीवा के महाराजा पुष्पराज सिंह के अलावा सिरमौर से भाजपा विधायक युवराज दिव्यराज सिंह धरने पर बैठ गए हैं। इधर गुरुवार शाम 4:00 बजे से चल रहे धरने के बीच पुलिस ने आज मौके पर दस्तक दे दी है। दरअसल पुलिस ने भीड़ की गिरफ्तारी शुरू की है। दिव्यराज सिंह ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि जिस तरह भगवान का जन्म कारागार में हुआ था, हम भी अपने भगवान के लिए कारागार को भर देंगे।

सभी रास्ते को बंद कर दिया गया है। लाखों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु को भगवान बांधवाधीश महाराज के मुख्य द्वार तक पहुंचने की इजाजत नहीं दी जा रही है। बावजूद लंबी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद हैं। दिव्यराज सिंह का कहना है कि विंध्य की परंपरा और संस्कृति पर प्रहार किसी भी कीमत पर नहीं बर्दाश्त किया जाएगा और हम यूंही डटे रहेंगे।

मामले में उनका कहना है कि हर साल की तरह रीवा राजघराने की बरसों पुरानी परंपरा के अनुसार बांधवगढ़ नेशनल पार्क में स्थित भगवान बांधवाधीश के पवित्र मंदिर साल में सिर्फ एक बार ही कृष्ण जन्माष्टमी पर खोले जाते हैं। इस पवित्र मौके पर लगभग 50000 श्रद्धालु भगवान के दर्शन करते हैं।

यह मंदिर विंध्य की परंपरा और विंध्यवासियों के लिए के लिए आस्था का एक केंद्र है, लेकिन इस वर्ष पुरानी परंपरा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन जंगल में हाथियों के मूवमेंट अधिक है, जैसी वजह बताकर आस्था और संस्कृति के बीच एक रोड़ा बनने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच गुरुवार शाम 4:00 बजे से महाराजा पुष्पराज सिंह के अलावा बीजेपी विधायक धरने पर बैठे हुए हैं। यह धरना फिलहाल जारी है

वहीं बीजेपी विधायक सहित महाराजा साहब पुष्पराज सिंह की मांग है कि प्रशासन द्वारा जब तक श्रद्धालुओं को दर्शन करने की इजाजत नहीं दी जाती है और उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते, तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे।इसी बीच इन दिनों चल रहे दो बड़े घटनाक्रम पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

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प्रीतम लोधी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि चाहे पार्टी का कार्यकर्ता हो या फिर कोई भी आम नागरिक भी किसी को भी सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले बयान देने की इजाजत नहीं दी जा सकती। शांति के टापू मध्य प्रदेश में समाज का हर वर्ग भाईचारे और प्रेम से रहें, यही हमारे शासन का मूल ध्येय है।

जन्माष्टमी पर बाधंवगढ मे विधायक मंदिर मे दर्शन न होने के विरोध मे धरने पर उनका कहना है कि जन्माष्टमी के दिन नंदलाला कैद में रहें, यह भला कैसे हो सकता है। मैं अधिकारियों को तत्काल निर्देश दे रहा हूं कि वह समुचित सुरक्षा व्यवस्था के साथ दर्शन के अभिलाषी दर्शनार्थियों को दर्शन करने की अनुमति दें।

ज्ञात हो कि बांधवगढ का किला लगभग 2 हजार साल पहले बनाया गया था, शिव पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। इस किले को रीवा के राजा विक्रमादित्य सिंह द्वारा बनवाया गया था। किले में जाने का केवल एक मार्ग है, जो बांधवगढ नेशनल पार्क के घने जंगलो से होकर गुजरता है। ऐसे में दर्शनार्थियों की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है।


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