नमामि गंगे अभियान के तहत संवरेगी ग्वालियर की मुरार नदी की शक्ल, 39.24 करोड़ का प्रस्ताव स्वीकृत

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर (Gwalior News) को एक विकसित और व्यवस्थित शहर बनाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों में एक सफलता शनिवार को और मिली है। इस सफलता के बाद ग्वालियर की मुरार नदी (Morar River) की शक्लोसूरत बदल जाएगी।  कभी ग्वालियर के एक बड़े हिस्से को साफ़ पानी देने वाली मुरार नदी का जीर्णोद्धार अब भारत सरकार के नमामि गंगे कार्यक्रम (Namami Gange campaign) के तहत किया जायेगा।

नमामि गंगे अभियान के तहत संवरेगी ग्वालियर की मुरार नदी की शक्ल, 39.24 करोड़ का प्रस्ताव स्वीकृत

 

ग्वालियर के लिए ये ख़ुशी की बात है कि मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने स्वीकृत कर दिया है। जल शक्ति मंत्रालय से संबद्ध राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति ने नमामि गंगे अभियान के तहत 39 करोड़ 24 लाख रुपए की लागत से मुरार नदी का जीर्णोद्धार एवं विकास करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। और ये स्वीकृति केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के विशेष प्रयासों से मिली है।

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ग्वालियर को यह सौगात दिए जाने पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के प्रति आभार जताया है। आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जल शक्ति मंत्री  गजेन्द्र सिंह शेखावत से चर्चा कर मुरार नदी प्रोजेक्ट की स्वीकृति दिलाने का अनुरोध किया था। साथ ही समय-समय पर पत्र भी लिखे थे। उन्होंने ग्वालियर शहर के लिये मुरार नदी को विकसित करने की आवश्यकता को गंभीरता के साथ  बताया था।

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गौरतलब है कि मुरार नदी एक पुरानी और सहायक नदी है। ये मौसमी नदी है, कभी इसमें साफ़ पानी बहा करता था  जिसका उपयोग आसपास के लोग पीने के लिए भी करते थे। लेकिन बाद में इसमें आबादी बढ़ने के साथ साथ सीवर मिला दिए जाने और फिर लम्बे समय तक अनदेखी के चलते ये गंदे नाले में बदल गई। हालाँकि पिछले कई वर्षों से मुरार नदी के जीर्णोद्धार के प्रयास किये जा रहे थे लेकिन सफलता अब जाकर मिली है।

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मुरार नदी के जीर्णोद्धार के प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने के बाद कृषि मंत्री तोमर ने कहा है कि ग्वालियरवासी बड़ी शिद्दत के साथ मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण की प्रतीक्षा कर रहे थे। शहरवासियों की मंशा अब शीघ्र ही आकार लेगी। उन्होंने कहा अत्याधुनिक तकनीक से मुरार नदी का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण होगा, इससे ग्वालियर के विकास को नई पहचान मिलेगी।

ये काम होंगे मुरार नदी के जीर्णोद्धार के साथ साथ 

मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण के लिए स्वीकृत हुए प्रोजेक्ट के तहत रमौआ डैम से बायपास ब्रिज का विकास (750 मीटर), गांधी रोड ब्रिज से संतर रिवर ब्रिज का विकास (770 मीटर), संतर रिवर ब्रिज से काल्पी ब्रिज का विकास (1100 मीटर), काल्पीब्रिज से जड़ेरूआ बांध की डाउन स्ट्रीम का विकास (100 मीटर), मुरार नदी के बाकी हिस्सों का विकास (9480 मीटर) शामिल है। साथ ही शौचालय ब्लॉक्स, गेबियन दीवार, शाइनेज, सोलर लाईट पोल, चलित शौचालय, वाटर स्पॉट्स, गेजेबो, बैठने की बैंच, डस्टबिन व प्रवेश द्वार का निर्माण भी होगा।

27 महीने में काम पूरा करने के निर्देश 

नमामि गंगे मिशन की कार्यसमिति की बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह प्रोजेक्ट 27 माह में पूर्ण किया जाए। जिसमें तीन महीने का समय टेण्डर प्रक्रिया, 18 महीने में प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन और 6 माह ऑपरेट एण्ड मैनेजमेंट के लिये रखे गए हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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