Swachh Survekshan 2022: अनूठी पहल- बाहर कचरा फेंका तो दिन भर होगी रामधुन

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (Swachh Survekshan 2021) में दो पायदान फिसलने के बाद ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 (Swachh Survekshan 2022) में अव्वल आने के लिए अभी से प्रयास करने में जुट गया है। नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) के साथ साथ ग्वालियर जिला प्रशासन ने भी ग्वालियर में स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।  बुधवार को एक बैठक में कलेक्टर ने बैठक कर फैसला लिया कि कचरा गाड़ी के बजाय बाहर कचरा फेंकने (garbage is thrown outside)  वालों को स्वच्छता के प्रति सदबुद्धि लाने के लिये उसके घर के सामने भजन मंडली ढोल-मजीरों के साथ दिन भर रामधुन का गायन करेगी। इसी तरह कचरा फैलाने वालों को स्कूली बच्चों की वानर सेना हतोत्साहित करेगी और स्वच्छता के प्रति समर्पित लोगों की टीम हर गली-मोहल्ले में स्वच्छता की अलख जगायेगी।

स्वच्छता की रणनीति बनाने के लिए बुधवार को नगर निगम के अधिकारियों के साथ कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक की बैठक में तय हुआ कि स्वच्छता को अपनाने वालों को प्रोत्साहित किया जायेगा वहीं स्वच्छता के प्रति लापरवाह लोगों को हतोत्साहित करने के साथ साथ उन्हें जागरूक किया जायेगा।

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कलेक्टर ने बैठक में कि नगर निगम के सभी अधिकारी-कर्मचारी यह ठान लें कि हम शहरवासियों के सहयोग से स्वच्छता के क्षेत्र में ग्वालियर को केवल और केवल नम्बर वन शहर बनाकर ही दम लेंगे तो ये कोई असंभव काम नहीं है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ग्वालियर शहर को स्वच्छता में अव्वल शहर बनाने के लिये पाँच बिंदुओं पर पुख्ता रणनीति के साथ काम करने पर बल दिया।

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कलेक्टर ने कहा कि डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और उसका प्रसंस्करण, शहर के किसी भी गली-मोहल्ले में कहीं पर भी कचरा न दिखे, पूरे शहर में दिन में दो बार झाडू और नालियों की नियमित सफाई, हर वार्ड व मोहल्ले में समर्पित स्वच्छता टीम तथा हर वार्ड में मजबूत सूचना तंत्र हो जिससे यह पता चल सके कि कहां पर कचरा जमा है और किसने कचरा फेंका है।  यदि इन पांच बिंदुओं पर पूरे समर्पण के  साथ काम होगा तो निश्चित ही हम ग्वालियर को स्वच्छता में नंबर एक बना सकेंगे।

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बैठक में कलेक्टर ने आईईसी अर्थात प्रभावी जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर देते हुए कहा कि विधिवत साक्षात्कार लेकर हर वार्ड में समर्पित लोगों की टीम तैयार करें। प्रयास ऐसे हों, जिससे पूरे शहर की स्वच्छता में भागीदारी हो। उन्होंने कहा स्वच्छता की रणनीति को अंजाम देने के लिये स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रावधानों के अनुरूप दस्तावेज तैयार करने और फील्ड पर काम करने के लिये अलग-अलग टीमें तैयार करें। साथ ही यह भी कहा कि सार्वजनिक शौचालय, सब्जीमंडी, बस स्टेण्ड सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था हो।

Swachh Survekshan 2022: अनूठी पहल- बाहर कचरा फेंका तो दिन भर होगी रामधुन

कलेक्टर ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए वाहनों की संख्या बढ़ाने पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों को दुरूस्त कराकर कचरा संग्रहण में लगाएं। साथ ही हर वाहन में जीपीएस लगा हो और कॉल सेंटर से भी इसकी मॉनीटरिंग की जाए। बैठक में आम सहमति बनी कि कचरा गाड़ी के बजाय बाहर कचरा फेंकने वालों को स्वच्छता के प्रति सदबुद्धि लाने के लिये उसके घर के सामने भजन मंडली ढोल-मजीरों के साथ दिन भर रामधुन का गायन करेगी। इसी तरह कचरा फैलाने वालों को स्कूली बच्चों की वानर सेना हतोत्साहित करेगी और स्वच्छता के प्रति समर्पित लोगों की टीम हर गली-मोहल्ले में स्वच्छता की अलख जगायेगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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