BJP नेता द्वारा दलित महिला की पिटाई का वीडियो वायरल, कमलनाथ ने पूछा- “बहन-भांजियों को कब मिलेगा इंसाफ”

Gaurav Sharma
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बैतूल, वाजिद खान

मध्यप्रदेश सरकार (State Government) महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) के लाख दावें कर रही है वहीं बैतूल से वायरल हो रहा एक वीडियो इनपर सवाल उठाता नजर आ रहा है। बैतूल (Betul) में एक महिला को कुछ दबंगों ने एक मामूली विवाद के चलते उसके घर से सामने पीट दिया। इसकी शिकायत लेकर महिला 4 दिन से भटक रही थी।

पीड़ित महिला (Victim) के पक्ष में प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ (Former Cm Kamalnath) ने शुक्रवार को शिवराज सरकार (Shivraj Government) पर ट्वीट (Tweet) के जरिए निशाना साधा है। कमलनाथ ने अपने ट्वीट में लिखा है “बैतूल ज़िले के सारणी क्षेत्र के शोभापुर में एक दलित महिला व उसकी बेटियों से बदसलूकी का विरोध करने पर भाजपा नेताओ द्वारा सार्वजनिक रूप से बेरहमी से मारपीट की घटना सामने आई है। पीड़ित महिला द्वारा पुलिस में पांच दिन पूर्व पूरे मामले की शिकायत वीडियो के साथ दर्ज करवायी गयी है, लेकिन सत्ता के रसूख के चलते आरोपियों के ख़िलाफ़ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी।”

https://twitter.com/OfficeOfKNath/status/1296804397486202881

 

मामले पर कमलनाथ ने सीएम शिवराज (CM Shivraj) पर तंज कसते हुए कहा कि शिवराज जी , आपकी सरकार में बहन- भांजियो के साथ इस तरह की घटनाएं घटित हो रही है और दोषियों को बचाया जा रहा है। इस पूरे मामले में दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो और एक महिला व उसकी बेटियों को न्याय मिले।

 

बता दें कि 16 अगस्त को बैतूल के सारणी में रहने वाली आशा बेले नाम की महिला का वार्ड पार्षद के भाई के साथ एक कुत्ते को लेकर विवाद हो गया था, जिसके चलते महिला को पार्षद और उसके भाई ने उसके ही घर के सामने बेरहमी से पीटना शुरु कर दिया। पीड़ित महिला का कहना है कि वो मारपीट की शिकायत लेकर उसकी रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस चौकी गई थी पर उसकी एफआईआर किसी ने दर्ज नहीं की, जिसके बाद पीड़िता महिला थाने और एसपी ऑफिस भी गई पर वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अब इस घटना के इस घटना का वीडियो वायरल हुआ है जिसके बाद शुक्रवार को एसपी ने महिला को बैतूल बुलाकर सारा मामला जाना। लेकिन अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। बता दें कि पिटाई करने वाला दबंग भाजपा का ब्लॉक प्रभारी है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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