रतलाम में महिला एवं बाल विकास विभाग ने युवतियों के लिए खोले जिम और पुस्तकालय

Gaurav Sharma
Published on -

रतलाम, सुशील खरे। रतलाम जिले में महिला एवं बाल विकास द्वारा युवतियों को पुलिस सेवा में भेजने के लिए पुलिस परेड ग्राउंड में परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है। इसी तारतम्य में अनुकरणीय प्रयास करते हुए मंगलवार को विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत पुस्तकालय का शुभारंभ भी किया गया। साथ ही बेटियों को दिमाग के साथ साथ शरीर से भी मजबूत बनाने के लिए जिम खोले गए है।

रतलाम जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी विनीता लोढ़ा का कहना है कि युवतियों  को फिजिकल एग्जाम निकालना ही है, साथ में पढ़ाई में भी पीछे नहीं रहना है। पुस्तकालय का शुभारंभ महिला एवं बाल विकास अधिकारी विनीता लोढ़ा द्वारा किया गया। इस दौरान वनिता सिंधु, पर्यवेक्षक एहतेशाम अंसारी, बरखा सहित सभी छात्राएं उपस्थित थीं। श्रीमती लोढ़ा ने पढ़ाई को लेकर समझाइश भी दी और बताया कि तुम्हें फिजिकल तो निकालना ही है साथ में पढ़ाई में भी पीछे नहीं रहना है तथा पुस्तकें समय पर लेने व जमा कराने के लिए निर्देश भी दिए गए।

मीडिया से बातचीत में महिला एवं बाल विकास अधिकारी विनीता लोढ़ा ने बताया की रतलाम में विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत युवतियों को परीक्षा की तैयारियों के लिए अभी पुस्तकालय में 10 किताबो के 10 सेट की व्यवस्था की गई है। 10 बालिकाओ का ग्रुप बनाकर 10 किताबों का सेट दिया जाएगा। ग्रुप में रोटेशन कर बालिकाएं इनका लाभ ले पाएंगी और 5 दिनो बाद बुक जमा कराना होगी। 5 दिन के बाद दूसरा ग्रुप इसका लाभ ले पाएगा। श्रीमती लोढ़ा ने बताया की पहले चरण में 120 बालिकाएं इस अभियान से जुड गई है। जैसे जैसे संख्या बढे़गी वैसे वैसे सुविधाओ में बढ़ोतरी करेंग। यह व्यवस्था पूर्ण रूप से निःशुल्क रहेंगी।

यह करवा रहे हैं तैयारियां

जिम के व्यायाम के लिए ट्रेनर अमानत खान, श्रवण यादव, पूरब परवर, रिटर्न की तैयारी कराने वाले बजरंग माली, पवन माली, सूर्य प्रकाश, निशांत आदि द्वारा रिटर्न की तैयारी कराई जा रही है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News