राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गट) के विधायक रोहित पवार ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले बहनों को ‘लाडकी’ कहकर राजनीतिक स्वार्थ साधती है और बाद में उन्हें ही ‘बोगस’ बताने का धंधा शुरू कर देती है। पवार ने मांग की कि ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहन योजना’ की राशि 1500 रुपये से बढ़ाकर 2100 रुपये करने का जो वादा किया गया था, उसे तुरंत लागू किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव में यही बहनें सरकार का राजनीतिक पाणी उतारेंगी।
रोहित पवार का पर तीखा हमला
मुख्यमंत्री लाडकी बहन योजना में लगातार गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आ रही हैं। हाल ही में सरकार ने इस योजना का लाभ लेने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इसके साथ ही बोगस लाभार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। रोहित पवार ने इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे सरकार की नीयत उजागर होती है और वास्तविक लाभार्थियों के साथ अन्याय हो रहा है।
इसी बीच, रोहित पवार ने मंत्री संजय शिरसाट पर भी निशाना साधा है। उन्होंने नवी मुंबई हवाई अड्डे के पास भूखंड घोटाले में शिरसाट की संलिप्तता का आरोप लगाया था। इसके बाद पवार और एनसीपी (शरद पवार गट) के प्रदेशाध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने सिडको के खिलाफ मोर्चा भी निकाला था। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पवार को इस मामले में ठोस सबूत देने की चुनौती दी थी। अब रोहित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दावा किया है कि वे जल्द ही इस घोटाले से जुड़े और सबूत पेश करेंगे।
वहीं, ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके ने भी बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल की बैठकों के लिए विधायकों की ओर से 10 से 15 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। उन्होंने कहा कि ये बैठकें सरकार प्रायोजित होती हैं और जरांगे पाटिल ओबीसी आरक्षण के जरिए मराठा समाज को व्यवस्था पर काबिज करना चाहते हैं। हाके ने आरोप लगाया कि आरक्षण के माध्यम से मराठा समाज प्रशासनिक ढांचे में अपनी पैठ बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब किसी भी नेतृत्व से उम्मीद नहीं है, इसलिए वे इस मुद्दे पर केंद्र के ओबीसी नेताओं से हस्तक्षेप की मांग करेंगे।





