दरअसल गुरुवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को हमने संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची उपलब्ध कराई थी और विशेषकर सुमावली, मेहगांव क्षेत्र के संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची दी थी और नामजद बताया था। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को बताया था कि इन सीटों पर कौन से ऐसे अधिकारी-कर्मचारी हैं। जो इस उपचुनाव में भाजपा का साथ देंगे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमारा यह दावा सही भी हुआ। सुमावली में दिनभर गोली चलती रही। गरीबों और महिलाओं को वोट डालने से रोका गया। मतदाताओं ने थाने का घेराव किया लेकिन चुनाव आयोग ने शिकायत करने के बावजूद भी इस मामले को संज्ञान में नहीं लिया।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस की बात पर चुनाव आयोग ध्यान देता तो जिस तरह से सुमावली में गोलियां और पथराव की गई। ऐसा नहीं होता। इसी के साथ दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि इस मामले में जिला प्रशासन, जिला कलेक्टर व जिला एसपी पूरी तरह से असफल रहे हैं। उनके क्षेत्रों में सफल मतदान प्रभावित हुई है। वहीं उन्होंने चुनाव आयोग के आब्जर्वर पर भी सवाल उठाया है दिग्विजय सिंह ने कहा कि आब्जर्वर तक इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं कर पाए।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने मांग की है कि उपचुनाव में उपद्रवी तत्वों को गिरफ्तार किया जाए और असफल रहे अधिकारी-कर्मचारी पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिन अधिकारियों ने शांतिपूर्ण मतदान करवाने में असफल रहे हैं। उन्हें गोपनीय प्रतिवेदन में इस मुद्दे को शामिल किया जाए।
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि कांग्रेस सभी सेटों पर जीत दर्ज करेगी। वहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता भूल जाते हैं। अभी विधानसभा में 229 सीटें हैं। 229 के लिए बहुमत 115 पर है। 87 हमारे विधायक हैं और 28 मिलाकर 115 होता है। लेकिन बीजेपी नेता को इन से मतलब नहीं है।