केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल पहुंचे दमोह, बीजेपी प्रत्याशी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की

Gaurav Sharma
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दमोह, गणेश अग्रवाल। दमोह संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री पहलाद सिंह पटेल दमोह पहुंचे, जहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और इसी दौरान भारतीय जनता पार्टी के बड़ा मलहरा प्रत्याशी प्रदुमन सिंह लोधी के बीमार हो जाने पर उन्होंने ईश्वर से उनके स्वस्थ होने की कामना की। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि दमोह में शीघ्र ही सरदार वल्लभ भाई पटेल की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री चुनाव की व्यस्तता के दौरान दमोह जिला मुख्यालय पहुंचे। जहां पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि कुछ ही देर पहले उनको पता चला कि बड़ा मलहरा के भाजपा प्रत्याशी प्रदुमन सिंह लोधी बीमार है। उन्हें बेहतर इलाज के लिए भोपाल रैफर किया गया है। वे ईश्वर से उनकी स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव पार्टी का कार्यकर्ता लड़ता है और सभी लोग क्षेत्र में भाजपा को चुनाव जिताने के लिए सक्रिय हैं।

 

दमोह के सरदार पटेल सेतु पर सरदार बल्लभ भाई पटेल की आदमकद प्रतिमा की स्थापना की जानी है। इसको लेकर के भी केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने जानकारी दी और कहा कि करीब 100 लोगों ने मिलकर के सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा स्थापित करने के लिए सहयोग किया है। जमीन सरकारी है लेकिन लोगों का सहयोग प्रतिमा को लगाने के लिए मिल रहा है, यह महत्वपूर्ण है। 21 अक्टूबर को संस्कृति मंत्री की मौजूदगी में प्रतिमा स्थापना स्थल का भूमि पूजन भी होगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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