MP by-election 2020 : कांग्रेस प्रत्याशी के बिगड़े बोल, बीजेपी उम्मीदवार की राक्षस से की तुलना!

Gaurav Sharma
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छतरपुर, संजय अवस्थी। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव (MP by-election 2020) को लेकर सियासी हलचले तेज हो गई है। एक ओर बीजेपी तो दूसरी ओर कांग्रेस पूरी तरह से अपने-अपने प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार में जुट गई है। प्रचार-प्रसार के दौरान दोनों पार्टी एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रही है, साथ ही एक दूजे पर आरोप लगाने से भी नहीं चूक रही है। इसी कड़ी में MP उपचुनाव 2020 (MP by-election 2020) की जंग राक्षस तक पहुंच गई है, तभी तो कांग्रेस प्रत्यशी ने इशारों ही इशारों में बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी को कालनेमि राक्षस बता डाला।

उन्होंने रामायण के प्रसंग (Episodes of Ramayana) बताते हुए बताया कि कालनेमि संत नही था। बडामलहरा से कांग्रेस की प्रत्याशी रामसिया भारती (Congress candidate Ramsia Bharti from Badamalhara)  ने विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यालय के उद्घाटन के दौरान ये बात बोली। उन्होंने कहां कि हम लोगों ने बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी (BJP candidate Pradyuman Singh Lodhi) को कांग्रेस ने 15 महीने पहले 15 दिन में विधायक बनाकर भेजा था , लेकिन वह हमे छोड़कर बीजेपी में चले गए।

आगे उन्होंने कहा कि रामायण में एक कालनेमी राक्षक (Kalnami rakshas) था ,वह संत नही था ,लेकिन जब हनुमानजी वहां पहुंचे तो उन्होंने कालनेमी को पहचान कर उसकी क्या दशा की थी आपको पता है। हनुमानजी ने पूंछ से कालनेमी को पछाड़ मारा था। वहीं रामसिया भारती राम के नाम पर भी वोट मांगती नजर आई।

उन्होंने कहां कि वह यहां राम राज्य  लाएंगी, वहीं इस मामले में बीजेपी प्रत्यशी प्रद्युम्न सिंह लोधी ने पलटवार किया है,उन्होंने कहा कि भगवा पहनने से कोई संत थोड़ी हो जाएगा। वह कौन सी संत है। चुनाव में कम्प्यूटर बाबा, मिर्ची बाबा घूम रहे सब कौन से संत है। मैं ज्यादा नही बोलना चाहता, कौन कैसा है यह जनता तय करेगी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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