भगवान जागेश्वर नाथ के दर पहुंचे प्रद्युम्न सिंह लोधी, मांगा जीत का आशीर्वाद

Gaurav Sharma
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दमोह, गणेश अग्रवाल।  मध्य प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष एवं भाजपा के नवागत नेता प्रद्युम्न सिंह लोधी ने भगवान जागेश्वर नाथ धाम पहुंचकर भगवान जागेश्वर नाथ के दर्शन कर जीत का आशीर्वाद मांगा। भोपाल के अस्पताल से स्वास्थ्य लाभ लेकर, कोरोना की जंग जीतकर वापस लौटकर दमोह के इस प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पहुंचकर उन्होंने भगवान के दर्शन कर उनका पूजन किया।

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी है प्रदुमन लोधी

बीते उपचुनाव में दमोह संसदीय क्षेत्र के बड़ा मलहरा विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में प्रद्युम्न सिंह लोधी चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन बीच चुनाव के दौरान उन्हें फेफड़ों में इन्फेक्शन के चलते इलाज के बाद दमोह से भोपाल रेफर किया गया था, जहां पर उनका इलाज किया गया और स्वस्थ हो कर वो वापस दमोह लौटे हैं। वहीं चुनाव के दौरान उन्होंने वीडियो अपील जारी कर बड़ा मलहरा क्षेत्र की जनता से उनके पक्ष में मतदान करने की अपील की थी।

मतगणना के पहले पहुंचे जागेश्वर नाथ के दरबार

उपचुनाव का परिणाम 10 नवंबर को आना है, जिसके लिए मतगणना होनी है। वही इसके पहले नागरिक आपूर्ति निगम के प्रदेश अध्यक्ष और बड़ा मलहरा विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी ने भगवान जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर पहुंचकर भगवान से जीत का आशीर्वाद लिया और भगवान से इस विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत दिलाने की प्रार्थना की।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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