ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर हुए हुए मतदान में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। हालांकि इस चुनाव में दोनों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर है लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग की 16 सीटों को सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने अपना चुनाव कहकर प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया है। उन्होंने सभी मतदाताओं से मतदान की अपील की। लेकिन उनकी माँ और बेटा ही मतदान के लिए ग्वालियर नहीं आये। उल्टा सिंधिया भी मतदान के दिन यानि 3 नवंबर को मध्यप्रदेश में नहीं रहे इसे लेकर कांग्रेस ने सिंधिया पर हमला किया है।
28 सीटों के प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में भाजपा के साथ साथ पार्टी के सभी बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। हालांकि भाजपा दावा कर रही है कि सभी 28 सीट पर उसे ही जीत मिलेगी लेकिन इसका फैसला 10 नवंबर को ही होगा कि जनता किसके साथ खड़ी है। खास बात ये है कि 28 में ग्वालियर चंबल संभाग की 16 सीटों को सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न कहा था। उन्होंने एक एक मतदाता से अपील की थी वे ये समझकर वोट करें कि सिंधिया ही चुनाव लड़ रहे हैं। मतदान वाले दिन सिंधिया ग्वालियर आये लेकिन मात्र आधा घंटे रुककर वोट डालकर वापस चले गए। मतदान वाले दिन जहाँ पूरी पार्टी मध्यप्रदेश में रहकर मतदान पर नजर रखे हुए थी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पल पल की जानकारी ले रहे थे, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य सभी बड़े नेता ग्वालियर चंबल सहित सभी 28सीटों के मतदान प्रतिशत पर नजरें जमाये थे ऐसे में सिंधिया की मध्यप्रदेश से दूरी अब चर्चा का विषय बन रही है। इतना ही नहीं उनकी माँ माधवी राजे और पुत्र महाआर्यमन का मतदान नहीं करना भी राजनीतिक चर्चा का विषय बन रहा है।
सिंधिया के केवल वोट डालने मध्यप्रदेश (ग्वालियर) आकर कुछ ही देर बाद वापस दिल्ली लौट जाने पर अब कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट कर सिंधिया पर हमला किया है। उन्होंने लिखा “श्रीअंत ने सबसे केई थी मतदान की अपील, कहा था सिंधिया परिवार की इज्जत का प्रश्न है (भाजपा का नहीं)। माँ माधवी राजे, पुत्र महाआर्यमन सिंधिया ने भी नहीं किया मतदान। एक एक वोट के लिए प्रत्याशी हो रहे थे परेशान। “दिया तले अंधेरा ? ”