MP Election 2023: सिंगरौली विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रामनिवास शाह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की उम्मीदवार रेनू शाह को 37977 मतों से हराकर चुनाव जीत गए हैं। बीजेपी के रामनिवास शाह पहले चरण से ही अपनी बढ़त बना लिए थे। जो अंत तक बढ़ते ही गया। प्रत्येक राउण्ड में उनके मतों में वृद्धि होते गया। जिससे वे भारी मतों से चुनाव जीत गए। रामनिवास शाह बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदों की जिम्मेदारी बखूबी निर्वहन करने से जनता के बीच में उनकी अच्छी छवि मानी जाती थी। जिसके कारण जनता ने चुनकर उन्हें विधायक बनाया। वहीं सिंगरौली विधानसभा की कांग्रेस उम्मीदवार रेनू शाह 36692 मत पाकर दुसरे स्थान पर रही। रेनू शाह दो बार नगर पालिक निगम की महापौर रह चुकी है। उनको दो बार विधानसभा चुनाव लड़ने का भी मौका मिला, लेकिन दोनों बार वे बीजेपी उम्मीदवार से चुनाव हार गई। कांग्रेस ने रेनू शाह पर भरोसा किया था लेकिन बीजेपी के द्वारा रामनिवास शाह को टिकट देने से रेनू शाह का समीकरण गड़बड़ा गया। जिससे वे चुनाव हार गई।
चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा तीसरे स्थान पर
विधानसभा चुनाव 2023 में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा 29673 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा बीजेपी से सीट न मिलने से नाराज होकर बसपा का दामन थामकर अपनी किस्मत अजमा रहे थे। चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा के चुनाव लड़ने से बसपा के वोटों में इजाफा तो हुआ लेकिन जीत से पीछे रहे। डेढ़ वर्ष पहले वे बीजेपी की सीट से सिंगरौली नगर पालिक निगम चुनाव में मैदान में उतरे थे। लेकिन मात्र उन्हे करीब 25 हजार वोट मिला था। जिससे वे दूसरे स्थान पर रहे। लेकिन विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक 4 महीने से मेहनत करने वाले चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा चुनाव हार गए।
मेयर रानी अग्रवाल की जमानत जब्त
विधानसभा चुनाव 2023 में नगरपालिक निगम सिंगरौली की मेयर रानी अग्रवाल आम आदमी पार्टी से सिंगरौली विधानसभा सीट से अपनी किस्मत अजमा रही थी। लेकिन वे 8185 मत पाकर चौथे स्थान पर रही। इतना ही नहीं महापौर रानी अग्रवाल अपनी जमानत नहीं बचा सकी। डेढ़ साल पहले नगर पालिक निगम के चुनाव में रानी आग्रवाल को 35 हजार से अधिक मत मिला था। लेकिन डेढ़ साल के कार्यकाल में उनके साथ में इतनी गिरावट आई कि वे अपनी जमानत तक नहीं बचा सकी।
कुन्दन पाण्डेय अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए
सिंगरौली विधानसभा सीट से विंध्य जनता पार्टी के उम्मीदवार कुंदन पाण्डेय अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। विधानसभा के चुनाव में जनता ने उन्हें मात्र 1341 वोट में ही समेट कर रख दिया। विंध्य जनता पार्टी विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर विंध्य जनता पार्टी का गठन किया गया। जिसमें सिंगरौली सीट से कुन्दन पाण्डेय को मैदान में उतारा गया था। कुन्दन पाण्डेय खुद को विस्थापित नेता भी मानते हैं। लेकिन इस चुनाव में जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया। कुन्दन पाण्डेय इसके पहले सिंगरौली विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। लेकिन इस बार जनता ने उन्हें पिछले चुनाव से भी कम मत दिया।
ऐतिहासिक जीत पर बीजेपी में जश्न का माहौल
सुबह से ही चल रही मतगणना के बीच दोपहर तक प्रदेश में भाजपा की लहर और सिंगरौली की तीनों विधानसभाओं की स्थिति साफ हो चली थी। प्रचंड बहुमत से मिल रही जीत को देखते हुए भाजपाईयों में जश्न का माहौल था। दोपहर बाद ढोल नगाड़े और डीजे लेकर भाजपाई सड़कों पर दिखने लगे। देर शाम तक सिंगरौली जिले के सभी इलाकों में बीजेपी का जश्न जारी रहा। कार्यकर्ता ढोल नगाड़ों के साथ डीजे की धुन पर नाचते गाते पटाखे फोड़ते और पार्टी का गुणगान करते रहे। वहीं बीजेपी जिला अध्यक्ष राम सुमिरण गुप्ता ने भी जिले में प्रचंड बहुमत को लेकर सभी को धन्यवाद दिया।
सिंगरौली से राघवेंद्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट