Haryana Contract Employees: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की नायब सैनी सरकार हर वर्ग को खुश करने में जुटी है। महंगाई भत्ता और मानदेय वृद्धि के बाद अब राज्य सरकार अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की तैयारी में है।संभावना है कि 5 अगस्त को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर अहम फैसला हो सकता है। संविदा सेवा दे चुके कर्मचारियों के लिए सरकार ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार कर सकती है।
कर्मियों को पक्का करने 9 सदस्यों की टीम गठित
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब हरियाणा सरकार का अक्टूबर 2024 में होने वाले विधानसभा पर फोकस है, भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के प्रयास में है,इसके लिए हर वर्ग को साधने में जुटी है । खास करके हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का मुद्दा । इसके लिए मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने 9 सदस्यों की कमेटी गठित की गई है, जिसमें आठ वरिष्ठ आइएएस अधिकारी शामिल हैं।
किस तरीके से होंगे कर्मचारी स्थायी, कमेटी करेगी मंथन
ये कमेटी पुराने कोर्ट केस और किस तरीके से कर्मचारियों को पक्का किया जाए, इस पर मंथन करेगी। इस संबंध में कमेटी अपनी पहली बैठक कर चुकी है, जिसमें सभी विषयों पर चर्चा की गई।हालांकि 5 साल सेवा कर चुके कर्मचारियों को मौका दिया जाए या फिर 7 साल सेवा वाले को, इसको लेकर भी अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है,संभावना है कि कमेटी इसका भी कोई तोड़ निकाल सकती है।वही आगामी कैबिनेट बैठक में पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है। खबर है कि सरकार ने कर्मचारियों को पक्का करने के लिए ड्रॉफ्ट भी तैयार कर लिया है।
किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
यदि हरियाणा सरकार 5 साल सेवा कर चुके कर्मचारियों को पक्का किया तो डेढ़ लाख कर्मियों को लाभ मिलेगा, वहीं सात साल सेवा कर चुके वाले कर्मचारियों को परमानेंट किया तो 90 हजार कर्मियों को लाभ मिलेगा। इसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव सभी विभागों से दो बार कच्चे कर्मचारियों (पांच और सात साल सेवा वाले) का डाटा मंगवा चुके हैं, लेकिन कौशल निगम में समायोजित कर्मचारियों का कार्यकाल हर बार एक वर्ष तक बढ़ाया जाता है, ऐसे में कर्मचारियों को पक्का करना राज्य सरकार के लिए बड़ी ढेड़ी खीर साबित हो सकती है।