नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि देश में सीवर और सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई के कारण होने वाली मौतों की संख्या में काफी कमी आई है। उन्होंने आगे कहा कि 2019 में 118 के मुकाबले 2021 में ऐसी मौतों की संख्या घटकर 24 हुई है।
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इसके साथ ही कहा कि सरकार सीवरों और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई और “हाथ से मैला ढोने वालों के रोजगार का निषेध और उनके पुनर्वास नियम, 2013” के तहत निर्धारित सुरक्षा सावधानियों का पालन न करने के कारण होने वाली मौतों पर गंभीरता से संज्ञान लेती है। “स्वच्छता कर्मियों को प्रशिक्षित करने और उन्हें इक्विपमेंट के साथ ठीक से लैस करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसके कारण वर्ष 2019 में आकस्मिक मौतों की संख्या (118) से घटकर 2021 में (24) हो गई है।”
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अठावले ने आगे कहा कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता विभाग के परामर्श से मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार की गई है, जिसमें प्रत्येक जिले में जिम्मेदार स्वच्छता प्राधिकरण की नियुक्ति, स्वच्छता प्रतिक्रिया इकाई की स्थापना की परिकल्पना प्रत्येक नगर पालिका में की गई है।
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इसके अलावा, एसआरयू मशीनीकृत सफाई, पेशेवर रूप से प्रशिक्षित जनशक्ति, 24×7 हेल्पलाइन, सेप्टिक टैंक से कीचड़ के परिवहन और उपचार के लिए आवश्यक उपकरणों, मशीनों और नए वाहनों को इन कर्मचारियों के लिए निगम को दिए जायेंगे।