नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने 6th-7th pay commission कर्मचारियों (Employees) के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जिसके तहत कर्मचारियों को छुट्टी यात्रा रियायत योजना (LTC Scheme) का लाभ किस संदर्भ में दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि छुट्टी यात्रा रियायत एलटीसी योजना का मूल उद्देश्य सिविल सेवकों और सरकारी कर्मचारियों को देशभर में उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाने और भारतीय संस्कृति से उनका परिचय कराने के लिए है, ना कि विदेशी यात्रा के लिए कर्मचारी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के निष्कर्षों को बरार रखते हुए एसबीआई के कर्मचारियों द्वारा उनके एलटीसी भत्तों के प्राप्त राशि छूट के लिए उत्तरदाई नहीं माना गया था। इस दौरान कर्मचारी द्वारा विदेशी दौरे का भ्रमण किया गया था जिसकी कानून में अनुमति नहीं दी गई है। जिसके बाद यह फैसला लिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने 13 जनवरी, 2020 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा दायर एक याचिका को खारिज करते हुए 4 नवंबर को आदेश पारित किया।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा है कि उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा जाएगा और एलटीसी योजना के तहत एक कर्मचारी को किए गए भुगतान को आए के रूप में छूट दी गई है। इसलिए इसे कर के तहत नहीं लाया जा सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कानून की सीमाओं के भीतर एक कर्मचारी द्वारा एलटीसी का लाभ उठाया जा सकता है। एलटीसी योजना के तहत 1 कर्मचारियों को देश के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा करने के लिए प्रतिपूर्ति प्राप्त करने की अनुमति दी गई है लेकिन नियम के तहत एलटीसी का लाभ विदेशी यात्रा के लिए नहीं लिया जा सकता है और ना ही देश भर में बड़े भ्रमण के लिए इसका लाभ उठाया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक एसबीआई की कई कर्मचारी द्वारा विदेश की यात्रा की गई थी और LTC का दावा किया गया था। आयकर विभाग द्वारा तर्क दिया गया कि एसबीआई के कुछ कर्मचारी द्वारा दिल्ली मदुरै कोलंबो कुआलालंपुर सिंगापुर कोलंबो दिल्ली से एक घुमावदार मार्ग अपनाया गया है। इस पर यात्रा करने के कारण उनके दावे की प्रतिपूर्ति बैंक द्वारा की गई थी, जो एलटीसी योजना आयकर अधिनियम और आयकर नियमों का सीधे तौर पर उल्लंघन है।
मामले में एसबीआई की तरफ से वरिष्ठ वकील के विश्वनाथन ने तर्क देते हुए कहा कि विदेशी यात्रा के लिए कोई भुगतान नहीं किया गया था। हालांकि एक विदेशी लेकिन कर्मचारी द्वारा किए गए यात्रा कार्यक्रम के हिस्सा थे। कर्मचारी ने ना अपनी केवल विदेशी यात्रा के लिए बल्कि देश के भीतर अपनी यात्रा के लिए एलटीसी का दावा नहीं किया है।
हालांकि अब सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है और कहा है कि कर्मचारी द्वारा उनके एलटीसी दावे के लिए प्राप्त राशि छूट के लिए उत्तरदायी नहीं है और कर्मचारी विदेश भ्रमण पर थे यह कानून के तहत एलटीसी के दावों के लिए न्याय संगत नहीं है।