Employees Retirement Age Hike, 7th Cpc Employees : कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। उनके सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की जा सकती है। अब इसकी मांग तेज हो गई है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा रिटायरमेंट आयु में वृद्धि की मांग के बीच अब राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा भी सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाए जाने की मांग शुरू कर दी गई है। कर्मचारियों की मांग है कि उनकी सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाए।
केरल में शिक्षक समुदाय चाहता है कि यूजीसी के नियम के अनुसार सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया जाए। यह मांग तब सामने आई है जब सरकार द्वारा सहायक प्रोफेसरों के लिए शिक्षा नियुक्ति की आयु सीमा को बढ़ाकर 50 वर्ष किया गया है।
रिटायरमेंट आयु बढ़कर हो सकते हैं 65 वर्ष!
वही सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए आयु सीमा बढ़ाने की सरकार के फैसले के बीच राज्य में विश्वविद्यालय कॉलेज के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की मांग के लिए वाम गठबंधन सहित शिक्षक संगठन ने एक दूसरे का समर्थन कर दिया है। हालांकि शिक्षण समुदाय द्वारा रिटायरमेंट आयु को 65 वर्ष बढ़ाए जाने के बीच युवा संगठन जल्द ही इस पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
यूजीसी के नियम के अनुरूप रिटायरमेंट आयु की मांग
इससे पहले केरल सरकार द्वारा शिक्षक नियुक्ति के लिए आयु सीमा सहायक प्राध्यापकों के लिए 50 वर्ष तक बढ़ाने का कार्य किया गया था। वहीं सहायक प्राध्यापकों के लिए रिटायरमेंट आयु बढ़ाने के कदम को राजनीतिक दृष्टिकोण के मुताबिक शिक्षण समुदाय द्वारा मांग शुरू कर दी गई है। इस फैसले के बाद यूजीसी के नियम के अनुरूप रिटायरमेंट आयु की मांग कर दी गई है।
एक समान सेवानिवृत्ति आयु लागू करने की मांग
रिटायरमेंट आयु बढ़ाने के लिए कदम उठाने की मांग के अलावा ऑल इंडिया प्राइवेट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जोगी एलेक्स का कहना है कि कॉलेज और विश्वविद्यालय में एक समान सेवानिवृत्ति आयु लागू की जाए। ऊंची शिक्षा क्षेत्र में सेवा शर्तों से असमानता दूर होगी।
वर्त्तमान में यह है नियम
बता दें कि वर्तमान में अप्रैल 2013 में अंशदाई पेंशन योजना की शुरुआत से पहले सेवा में शामिल होने वाले कॉलेज शिक्षक 56 वर्ष की आयु में रिटायर हो रहे हैं जबकि अन्य के लिए रिटायरमेंट आयु 60 वर्ष रखी गई है। इसके साथ ही शिक्षक समुदाय का कहना है कि प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने से अधिक छात्र शोध करने में सक्षम होंगे। यूजीसी के मानदंड के अनुसार नियम के तहत सेवानिवृत्ति से 3 साल पहले शिक्षक शोध विद्वानों का मार्गदर्शन करने से वंचित हो जाते हैं। एक कॉलेज शिक्षक जो वैधानिक पेंशन योजना के दायरे में आता है, वह केवल 52 वर्ष तक पीएचडी विद्वानों के मार्गदर्शन को स्वीकार कर सकते हैं।
आयोग ने की थी सिफारिश
इससे पहले उच्च शिक्षा में सुधार के लिए श्याम बी. मेनन की अध्यक्षता में आयोग द्वारा केरल में विश्वविद्यालय और कॉलेज के शिक्षकों के वेतनमान सेवा नियम और रिटायरमेंट आयु में केंद्रीय विश्वविद्यालय के समान समानता की सिफारिश की गई थी। जिसमें कहा गया था कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाना चाहिए। इसके साथ ही आयोग ने कहा था कि राज्य को केरल के बाहर के विश्वविद्यालय के विशिष्ट शिक्षक और शोधकर्ताओं को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और कर्मचारियों द्वारा दिया गया है। सरकार को महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है।