नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। विधानसभा चुनाव (vidhansabha election) नजदीक हैं और इसी बीच सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने शुक्रवार को अहम फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य सरकारों (state government) को निर्देश दिए हैं जिसमें स्पष्ट तौर पर ये कहा है कि कोई स्वतंत्र व्यक्ति ही राज्य चुनाव आयुक्त (state election commissioner) बन सकता है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश भी दिया कि राज्य में ऐसे किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं होगी जो सत्तारूढ़ सरकार के अंतर्गत किसी पद का निर्वहन कर रहा हो। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना संविधान (constitution) के खिलाफ है।
गौरतलब है कि आज गोवा सरकार के सचिव को राज्य सरकार का कार्यभार देने के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि राज्य सरकार में शामिल व्यक्ति चुनाव आयुक्त नहीं बन सकता। जस्टिस आर.एफ नरीमन ने मामले की सुनवाई की। इसी दौरान उन्होंने गोवा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोकतंत्र में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता से समझौता नहीं किया जा सकता।
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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सरकार में पहले से ही पद पर कार्यरत व्यक्ति को राज्य चुनाव आयुक्त बनाना संविधान के खिलाफ है। जस्टिस आर.एफ. ने गोवा सरकार के फैसले को परेशान करने वाला बताया। इसके बाद ही उन्होंने उक्त फैसला सुनाया।