AAP सांसद संजय सिंह का आरोप, पीएम मोदी ने अब अरविंद केजरीवाल के बूढ़े माता पिता को प्रताड़ित करने की योजना बनाई है, जनता जवाब देगी

प्रधानमंत्री जी किस हद तक उतर आये हैं दिल्ली के लोग देख रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल के प्रति पीएम की दुर्भावना और बदले की राजनीति को इस कदर पहुंचा दिया है उनके बूढ़े और बीमार माँ बाप को नहीं बक्श रहे ।

Atul Saxena
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AAP Swati Maliwal case : स्वाति मालीवाल मामले में अब पुलिस सीएम अरविंद केजरीवाल के बूढ़े माता पिता से पूछताछ करने सीएम हाउस जा सकती है, इस खबर के आने के बाद से ही आम आदमी पार्टी भड़की हुई है और कोर्ट से जुड़े इस मामले में पीएम मोदी पर निशान साध रही है, सांसद संजय सिंह ने पीएम मोदी पर केजरीवाल के बूढ़े और बीमार माता पिता को पुलिस के द्वारा प्रताड़ित करने की योजना बनाने के गंभीर आरोप लगाये हैं

संजय सिंह का आरोप, पीएम ने बनाई केजरीवाल के बूढ़े माता पिता को प्रताड़ित करने की योजना 

संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरविंद केजरीवाल के प्रति अपनी राजनीतिक दुर्भावना, बदले की भावना में इतना नीचे गिर चुके हैं कि पहले उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्रियों को गिरफ्तार कर जेल में डाला फिर  फिर अरविंद केजरीवाल  को गिरफ़्तार किया। आज तो उन्होंने सभी हदों को पार करते हुए अरविंद केजरीवाल जी के बूढ़े और बीमार माता-पिता को पुलिस के द्वारा प्रताड़ित करने की योजना बनाई है।

केजरीवाल के  पिता की उम्र 84 साल है जब वो चलते हैं तो सहारा लेकर चलते हैं उन्हें ठीक से सुनाई नहीं देता, उनकी माँ 76 साल की हैं जिस दिन केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया उससे दो दिन पहले ही उनका ऑपरेशन हुआ था केजरीवाल उनसे मिल भी नहीं पाए और पीएम ने उन्हें जेल भिजवा दिया

बोले संजय सिंह, पूरा देश और दिल्ली की जनता पीएम को इसका जवाब देगी 

प्रधानमंत्री जी किस हद तक उतर आये हैं दिल्ली के लोग देख रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल के प्रति पीएम की दुर्भावना और बदले की राजनीति को इस कदर पहुंचा दिया है उनके बूढ़े और बीमार माँ बाप को नहीं बक्श रहे, पूरा देश और पूरी दिल्ली इस बात का जवाब देगी, आज इतना कहना चाहता हूँ कि प्रधानमंत्री नफरत और दुर्भावना,  बदले की भावना में किसी भी हद तक जा सकते हैं ये उसका जीता जगता उदाहरण है


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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