नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (all india muslim personal law board) ने निकाह (nikah) को लेकर नया इकरारनामा (rules) जारी किया है। माना जा रहा है कि इस नए बदलाव से निकाह और आसान होगा, फिजूलखर्ची में कटौती होगी और दहेज पर रोक लग पाएगी। जारी किए गए इकरारनामे में कुल 11 बिंदु हैं जो निकाह को सादगीपूर्ण (simple) बनाने में सक्षम हैं।
इन नए 11 बिंदुओं वाले इकरारनामे में लोगो से निकाह के वक्त फिजूल खर्ची करने से बचने की अपील की गई है।जिसका सीधा सा मतलब है कि निकाह सादगीपूर्ण होगा। इस इकरारनामे में मैरिज हॉल में निकाह करने की जगह मस्जिद में निकाह करने और दावत सिर्फ घरवालों और बाहर से आने वाले बारातियों के लिए ही रखी जाए, ऐसी अपील भी की गई है।
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दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निकाह में चली आ रही अनुचित रस्मों को खत्म करने के लिए 10 दिन का अभियान शुरू किया है। बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सय्यद राबे हसनी नदवी और महासचिव मौलाना वली रहमानी की निगरानी में ये अभियान 6 अप्रैल तक चलेगा।
इकरारनामे के बिंदु:
* बारात की रस्म की जगह मस्जिद में सादगी से निकाह
*अनुचित और फिजूल रिवाजों जैसे दहेज, रतजगा, हल्दी की रस्म आदि को खत्म करना
* सिर्फ घर वालों और शहर के बाहर से आने वाले महमानों के लिए दावत
* निकाह में जाएं लेकिन निकाह में खाएं नहीं
* वलीमा की दावत सादगीपूर्ण हो, गरीबों का ख्याल हो
* निकाह और दावत- ए- वलीमा का समर्थन शरीयत के अनुसार करें।
* निकाह या फिर वलीमा में आतिशबाजी, नाचगाने से परहेज
* निकाह के लिए वक्त का सख्ती से पालन करें
* सुन्नत के मुताबिक निकाह के बाद बीवी से अच्छा सुलूक करें।