कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे अमित शाह, सत्ता की बारीकियों को समझ ऐसे बने ‘चाणक्य’

Diksha Bhanupriy
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Amit Shah

Amit Shah Birthday: भारत में बीजेपी की राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह का आज जन्मदिन है। राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले हर व्यक्ति को गृह मंत्री अमित शाह के बारे में जरूर पता होगा। आज भारत के दिग्गज नेताओं की लिस्ट में शुमार शाह ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है। उनके नाम के साथ जो चाणक्य शब्द जुड़ा है, वह हासिल करने के लिए उन्होंने राजनीति की बारीकियां को अच्छे से समझा है और अपने बूते पर कई राज्यों में बीजेपी की सरकार खड़ी कार्रवाई है। चलिए आज आपको उनके बारे में कुछ बातें बताते हैं।

59 साल के हुए अमित शाह

22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में जन्मे अमित शाह 59 साल के हो चुके हैं। साल 2014 में जब बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की थी उसके पीछे अमित शाह का ही हाथ था। 1980 में उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और उसके बाद से सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए। यह सफर आज गृहमंत्री के पद तक पहुंच चुका है।

ऐसा रहा राजनीतिक सफर

गृहमंत्री के राजनीतिक सफर की बात करें तो इसके शुरू होने की वजह उनका परिवार ही था। शाह का परिवार शुरुआत से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा हुआ था और यही वजह रही कि अपने कॉलेज के दिनों तक आते-आते वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य बन गए और आगे चलकर बीजेपी का दामन थामा। 1997 से 2012 तक वह सरखेज विधानसभा सीट से विधायक रहे। उन्हें असली उपलब्धि साल 2002 में मिली जब गुजरात के गृहमंत्री के पद पर उन्हें बैठाया गया।

अमित शाह ने लगातार अपने प्रभावी व्यक्तित्व और राजनीति से पार्टी आलाकमान को आकर्षित किया और साल 2014 में उन्हें राष्ट्राध्यक्ष बना दिया गया। पार्टी का ये फैसला सही साबित हुआ और उनके नेतृत्व में भाजपा को भारी जीत मिली और 10 सालों बाद सत्ता में बीजेपी की वापसी हुई।

PM मोदी के हैं खास

गृहमंत्री अमित शाह भारतीय राजनीति की बारीकियां को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं और उनकी यह महारत पार्टी की असली ताकत मानी जाती है। यही कारण है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी माने जाते हैं। आज उनके जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए उन्हें शुभकामनाएं भी दी है। पीएम ने उन्हें भारत के सुरक्षा तंत्र को बढ़ाने, सहकारी क्षेत्र विकसित करने, देश की प्रगति और लोगों के जीवन गुणवत्ता सुनिश्चित कर हर क्षेत्र के विकास में उल्लेखनीय योगदान देने वाला एक उत्कृष्ट प्रशासक बताया है।

ऐसा बने बीजेपी के चाणक्य

अमित शाह का बीजेपी की राजनीति में काफी अहम योगदान माना जाता है। वो ‘चाणक्य’ इसलिए कहलाते हैं क्योंकि जमीनी स्तर पर रणनीति बनाकर उसे किस तरह से क्रियान्वित करना है, ये कुशलता उनके अंदर मौजूद है। वह संगठन को समझने की काबिलियत भी रखते हैं और 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इसका उदाहरण देखने को भी मिला, जब बीजेपी बंपर सीटों पर जीती और सत्ता में आई।

शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने उन राज्यों में भी अपने पैठ बनाई, जहां पर कई सालों से सत्ता में पार्टी का नाम नहीं था। इसमें जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश जैसी जगह भी शामिल है। इसके अलावा पूर्वोत्तर में भी बीजेपी की पकड़ पिछले कुछ समय में मजबूत हुई है। शाह की रणनीति उस समय भी बीजेपी को काम आई है जब पार्टी बनने के कोई भी संकेत दिखाई नहीं दे रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुद को चाणक्य कहने की बात पर अमित शाह यह कहते हैं कि मैं चाणक्य के आगे बहुत छोटा आदमी हूं। मैं खुद को चाणक्य होने का दावा नहीं करता। मैंने उन्हें पढ़ा है और समझा भी है मेरे आस-पास उनकी तस्वीर भी है लेकिन मैं उनकी तरह कभी नहीं बन सकता।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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