नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश में एलोपैथिक डॉक्टरों (Allopathic doctors) के साथ आयुर्वेदिक डॉक्टरों (Ayurvedic Doctors) के उपचार (treatment) पर काफी लोग भरोसा (trust) करते हैं। वहीं अब आयुर्वेदिक डॉक्टरों (Ayurvedic Doctors) को लेकर केंद्र सरकार (central Government) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि आयुर्वेदिक की डिग्री प्राप्त डॉक्टर अब जनरल और ऑर्थोपेडिक सर्जरी (General and Orthopedic Surgery) के साथ ही कान, आंख और गले की सर्जरी भी कर सकेंगे। केंद्र सरकार (central government) से हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद के अनुसार अब पीजी के स्टूडेंट्स (PG Students) को सर्जरी के बारे में और ज्यादा जानकारी दी जाएगी।
वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद मध्यप्रदेश के एलोपैथिक डाक्टरों ने इस निर्णय का विरोध किया है। प्रदेश के चिकित्सा अधिकारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ देवेन्द्र गोस्वामी ने ट्विटर के जरिए इस फैसले का विरोध करते हुए लिखा कि #MBBS सभी विधाओं के चिकित्सकों को अपनी ही पैथी का इलाज करना चाहिए।हम चिकित्सा विज्ञान की सभी पैथियों का सम्मान करते हैं,उनकी mixing क्रॉसपैथी को उचित नहीं कह सकते सभी को अपनी पैथी में ही बढ़ावा दिया जाना चाहिए मिक्सिंग करना उचित नही हैं।डॉ देवेन्द्र गोस्वामी प्रदेशाध्यक्ष MPMOA।
#MBBS सभी विधाओं के चिकित्सकों को अपनी ही पैथी का इलाज करना चाहिए।हम चिकित्सा विज्ञान की सभी पैथियों का सम्मान करते हैं,उनकी mixing क्रॉसपैथी को उचित नहीं कह सकते सभी को अपनी पैथी में ही बढ़ावा दिया जाना चाहिए मिक्सिंग करना उचित नही हैं।डॉ देवेन्द्र गोस्वामी प्रदेशाध्यक्ष MPMOA
— dr devendra goswami (@DevendraDr) November 22, 2020
वही इधर आयुर्वेदिक डॉक्टरों (Ayurvedic Doctors) के सर्जरी करने के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) का कहना है कि इस तरह की परमिशन से चिकित्सा वर्ग में खिचड़ी हो जाएगी। साथ ही झोला छाप डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा। इस फैसले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) के अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा का कहना है कि मिश्रित प्रार्थी (Mixed applicant) के कारण देश में हाइब्रिड डॉक्टरों को बढ़ावा मिलेगा। वही इसके विपरीत इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन आयुष के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर का कहना है कि आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक संतोषजनक काम किया है। सरकार द्वारा दिया गया यह नया आदेश वर्तमान में देश की चिकित्सीय व्यवस्था के लिए बेहतर साबित होगा।
बता दें कि अभी तक आयुर्वेद के स्टूडेंट्स को सर्जरी के बारे में पढ़ाया तो जाता था पर सर्जरी करने की अनुमति नहीं थी, ना ही इसको लेकर कोई साफ गाइडलाइंस थी, लेकिन सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के बाद अब आयुर्वेदिक डॉक्टर भी सर्जरी कर सकेंगे। सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन (Notification) में आयुर्वेद के पीजी स्टूडेंट्स को कान, नाक, आंख, गले के साथ ही जनरल सर्जरी के लिए विशेष तौर पर ट्रेनिंग दी जाएगी। बता दें कि लंबे समय से आयुर्वेदिक डॉक्टर अन्य एलोपैथिक डॉक्टरों के समान अधिकार की मांग कर रहे थे।
वहीं केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन को लेकर ट्विटर पर लोगों की प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार है..
after hearing bams and Ayurveda students will also do surgery
MBBS students be like pic.twitter.com/0wuiVJlKlk— not intellectual (@patheticmanas) November 22, 2020
MBBS student after listening that BAMS students can perform surgery. pic.twitter.com/8YFxltnJjn
— Palestine (@rohidsofi2001) November 22, 2020
#Ayurveda #BAMS #Ayurvedaa is a jivanshastra which borns surgery #shushrut,the great surgeon of ayurveda
Now mbbs students which are in pain to hearing this news 😂 ,must be know that surgery was come from ayurveda (5000 years ago ) not from allo(500 years ago ) good luck 👍 pic.twitter.com/5PDFXV3wST— @Manisha kumari Kumawat 💫 (@Manisha90294680) November 22, 2020