अब ATM में पैसे न होने पर बैंक को देनी होगी पेनल्टी, RBI ने जारी किया आदेश।

Gaurav Sharma
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देश डेस्क रिपोर्ट। जानता को कई बार इस समस्या का सामना करना पड़ता था कि ATM से पैसे निकालने जाएं और मशीन की स्क्रीन पर लिखा मिल जाए “sorry out of cash”, पर अब ऐसा नहीं होगा और हुआ तो जुर्माना बैंक को भरना पड़ेगा। जी हां आज आरबीआई ने एक आदेश पारित कर इस नई स्कीम के बारे में बताया है।

अब ATM में पैसे न होने पर बैंक को देनी होगी पेनल्टी, RBI ने जारी किया आदेश।

इस स्कीम के बारे में जानकारी देते हुए सेंट्रल बैंक ने कहा कि एटीएम में पैसे न होने की वजह से कई बार ग्राहकों को समस्या का सामना करना पड़ता है, इससे न केवल उनके समय का नुकसान होता है बल्कि पैसे न मिल पाने से बाकी समस्याएं भी आती है।

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“Scheme Of Penalty For Non–Replenishment of ATM’s” की जानकारी देते हुए RBI ने बताया कि यदि किसी बैंक या व्हाइट लेबल एटीएम (गैर बैंको द्वारा स्थापित की गई एटीएम) में पैसे खत्म होजाते हैं या निरंतर भरे नहीं जाते हैं ऐसी स्तिथि में अब बैंक को जुर्माना भरना होगा। आरबीआई के मुताबिक यह स्कीम 1 अक्टूबर 2021 से लागू की जाएगी।

इस स्कीम के अनुसार अब कोई भी बैंक महीने भर में ज्यादा से ज्यादा 10 घंटों तक cash out (रुपए ना होना) की स्तिथि में रह सकता हैं। अगर दी गई 10 घंटों की लिमिट पार होजाती है तो बैंक को 10 हजार रुपए का जुर्माना प्रति एटीएम देना होगा जिनमें रुपए खत्म हुए हैं। यदि जुर्माना व्हाइट लेबल एटीएम पर किया गया तब ऐसी स्तिथि में जुर्माना उस बैंक को भरना होगा जिसके द्वारा एटीएम लगाया गया है। बाद में अगर बैंक चाहे तो व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर से जुर्माने का पैसा वसूल सकता हैं।

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आरबीआई ने बताया कि हर बैंक को एक सिस्टम जेनरेटेड स्टेटमेंट हर महीने जमा करना होगा जिसमे बैंक द्वारा बताया जाएगा कि कैश न होने की वजह से एटीएम मशीन कितने समय तक बंद रहीं। यह स्टेटमेंट बैंक को आरबीआई के ” इश्यू डिपार्टमेंट ” में जमा करना होगा जिसके क्षेत्राधिकार में वो एटीएम मशीन आती हैं। इतना ही नहीं कैश आउट की स्तिथि में व्हाईट लेबल एटीएम के लिए बैंक को अलग से स्टेटमेंट जमा करना होगा।

यह स्टेटमेंट बैंक को हर महीने के पहले हफ्ते में शुरू के पांच दिन के अंदर जमा करना होगा। जैसे कि यह स्कीम 1 अक्टूबर 2021 से लागू की जानी है ,ऐसी स्तिथि में बैंक को नवंबर महीने में 5 तारीक तक संबंधित इश्यू डिपार्टम में स्टेटमेंट जमा करना होगा। आरबीआई ने यह भी कहा की यदि किसी बैंक या व्हाइट लेबल एटीएम को जुर्माना लगाने को लेकर किसी भी प्रकार की आपत्ति आती है तो वह नोटिस दी गई डेट से एक महीने के अंदर सेंट्रल बैंक के रीजनल ऑफिस में अपील कर सकते हैं। स्कीम 1 अक्टूबर से पूरे भारत में लागू कर दी जाएगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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