लाखों पेंशनरों को बड़ी सौगात, पेंशन में बढ़ोतरी, जानें खाते में कितनी बढ़कर आएगी राशि

Pooja Khodani
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देहरादून, डेस्क रिपोर्ट। उत्तराखंड सरकार ने पेंशनरों को बड़ा तोहफा दिया है। उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में दूसरी बार पेंशनरों को खुशखबरी देते हुए पेंशन की राशि में बढ़ोतरी की है। समाज कल्याण विभाग की ओर से वृद्धावस्था, विधवा व दिव्यांगों की पेंशन दरों में 100 रूपये प्रतिमाह की दर से वृद्धि कर 1500 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है। इसका लाभ करीब सवा 7 लाख पेंशनरों को मिलेगा।

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मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, समाज कल्याण विभाग की ओर से वृद्धावस्था, विधवा व दिव्यांगों की पेंशन प्रतिमाह 1400 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी गई है। इससे लाखों पेंशनरों के खाते में तीन माह की कुल 4500 रुपये पेंशन राशि भेजी जाएगी। प्रमुख सचिव एल फैनई ने बताया कि दिव्यांग, बुजुर्ग व विधवा महिलाओं की पेंशन 1500 रुपये प्रतिमाह हो गई है। पेंशन में वृद्धि होने से समस्त पेंशनधारकों को लाभ मिलेगा।

खास बात ये है कि इससे पूर्व मार्च माह तक हर तीन माह में पेंशनधारियों के खाते में 1400 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 4200 रुपये पेंशन भेजी जा रही थी, लेकिन अब 4500 रूपए भेजे जाएंगे। शासन से मिले निर्देश में समाज कल्याण विभाग ने 7.23 लाख पेंशनर्स को 1 अप्रैल से उनके खाते में पहली तिमाही की 4500 रुपये की रकम जारी करने तैयारी शुरू कर दी है। लाभार्थियों के खाते में समाज कल्याण विभाग द्वारा अब सीधे हर तीन माह में 4500 रुपये की पेंशन भेजी जाएगी।

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बता दे कि उत्तराखंड में 2014 में अंतिम बार पेंशन की रकम बढ़ाई गई थी। वृद्धावस्था, दिव्यांग और विधवा पेंशन की रकम हर महीने 1200 रुपये की गई थी। इसके बाद मार्च 2022 में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तीनों श्रेणियों की पेंशन 1200 से बढ़ाकर 1400 करने की घोषणा की थी और अब एक बार फिर पेंशन की राशि में इजाफा किया गया है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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