बड़ी खबर : अरविंद केजरीवाल की बड़ी घोषणा, वे दो दिन बाद दे देंगे सीएम पद से इस्तीफा, सुनीता केजरीवाल के नाम की चर्चा शुरू

भगवान का हम सभी के ऊपर बहुत आशीर्वाद रहता है। इसी वजह से हम लोग बड़ी-बड़ी मुसीबतों से लड़कर और जीतकर आते हैं। इसके साथ मैं उन लाखों लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने हमारे साथियों के लिए दुआएँ की।

Arvind Kejriwal

Arvind Kejriwal’s big announcement : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एक बड़ा ऐलान कर दिया है, जेल में रहकर मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ने वाले अरविंद ने आज अचानक पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक कार्यक्रम में घोषणा कर दी कि वे आज से दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा से देंगे और तब तक इसपर नहीं बैठेंगे जब तब जनता अपना फैसला नहीं सुना देती जब तक जनता ये नहीं कह देती कि केजरीवाल ईमानदार है।

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में गंभीर आरोप झेल रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री दो दिन पहले ही जेल से जमानत पर बाहर आये हैं उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। उनके बाहर आने के बाद से आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में भारी जोश है, इस जोश को और बढ़ाने के लिए आज केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया।

जनता के फैसले के बाद ही सीएम की कुर्सी पर बैठूँगा 

सीएम केजरीवाल ने कहा कि कोर्ट ने हमें जमानत दे दी वो यही कर सकता था जबकि ये नामुमकिन जैसा था। अब ये केस लम्बा चलेगा,  मैंने कहा मेरा मन कहता है कि जब तक मैं कोर्ट से बरी होकर नहीं आ जाऊ तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूँगा इस पर वकीलों का मानना है कि ये केस 10, 15, 20 साल चल सकता है, इसलिए मैं आज आपकी अदालत में आया हूँ जनता कीअदालत में आया हूँ।केजरीवाल ने कहा मैं आपसे पूछने आया हूँ कि आप केजरीवाल को ईमानदार मानते हो या गुनाहगार मानते हो। उन्होंने भावुक होते हुए कहा दोस्तों आज से दो दिन बाद मैं सीएम की कुर्सी से इस्तीफा दे दूंगा और मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूँगा जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना दे कि केजरीवाल ईमानदार है तब तक मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूँगा।

नवम्बर में चुनाव कराने की मांग, जनता से वोट देने की अपील 

केजरीवाल ने कहा-  भगवान का हम सभी के ऊपर बहुत आशीर्वाद रहता है। इसी वजह से हम लोग बड़ी-बड़ी मुसीबतों से लड़कर और जीतकर आते हैं। इसके साथ मैं उन लाखों लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने हमारे साथियों के लिए दुआएँ की। अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो मुझे बड़ी संख्या में वोट दें। मैं अब चुने जाने के बाद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा। चुनाव फरवरी में होने हैं। मेरी मांग है कि नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव के साथ ही दिल्ली में चुनाव कराए जाएं। चुनाव होने तक पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री रहेगा। अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अगला सीएम तय किया जाएगा।

BJP पर निशाना – ये मेरे हौसले तोड़ नहीं पाए, उल्टा बढ़ गए 

भाजपा पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा बीजेपी को लग रहा था कि मुझे जेल भेजकर हमारी पार्टी तोड़ देंगे। हमारे विधायकों को तोड़कर दिल्ली और पंजाब में सरकार गिरा देंगे। इनकी साज़िशों के ख़िलाफ़ आम आदमी पार्टी लड़ रही है। इन्हें लगा कि ये मेरे हौसले तोड़ देंगे लेकिन इन्होंने मेरे हौसले को और बढ़ा दिया है।  उन्होंने कहा मैंने जेल जाने पर इस्तीफ़ा इसलिए नहीं दिया क्योंकि मैं जनतंत्र को बचाना चाहता था। अगर मैं जेल से इस्तीफ़ा दे देता तो ये विपक्ष के सभी मुख्यमंत्रियों को जेल में डाल कर सरकार गिरा देते। मेरी विपक्ष के सभी मुख्यमंत्रियों से विनती है कि अगर ये आपको जेल में डाले तो इस्तीफ़ा मत देना क्योंकि हमने दिखाया है जेल से सरकार चल सकती है।

मेरे अंदर देश की सेवा करने का जुनून है

मेरे पास मेरी ईमानदारी के अलावा कुछ और नहीं है। मेरे बैंक एकाउंट ख़ाली हैं। मैं इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी छोड़कर झुग्गियों में रहा था। मेरे अंदर देश की सेवा करने का जुनून था। मुझे ना पद का लालच है और ना ही दौलत का लालच है। मेरे अंदर देश की सेवा करने का जुनून है। जो पीड़ा मेरे मन में है वो मनीष सिसोदिया के मन में भी है। इनके लिए भी वही सब कहा गया जो मेरे लिए कहा गया। मनीष सिसोदिया भी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का पद तभी संभालेंगे जब दिल्ली की जनता कहेगी कि ये ईमानदार हैं।

सीएम की दौड़ में सुनीता केजरीवाल का नाम भी चर्चा में 

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद अब चर्चा शुरू हो चुकी है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? पार्टी के मौजूदा नेताओं के नामों पर चर्चा के बीच अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का नाम भी चर्चा में आ गया है, क्योंकि केजरीवाल के जेल जाने के बाद जिस तरह से उन्होंने पार्टी को संभाला और चुनवी कैम्पेन में हिस्सा लिया उससे लोग उनमें भी एक नेता की छवि देख रहे हैं


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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