कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, 16 अगस्त से लागू होगी ये नई व्यवस्था, अब इस आधार पर मिलेगी छुट्टी और सैलरी

सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया है कि वे अपने कर्मचारियों का सारा डेटा HRMS पोर्टल पर अपलोड कर दें। 16 अगस्त 2024 से कर्मचारियों को HRMS पोर्टल पर ही छुट्टी के लिए आवेदन करना होगा।

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Bihar Employees News : बिहार के सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। अगस्त से राज्य में ऑनलाइन अटेंडेंस नियम लागू होने जा रहा है, इसके तहत छुट्टी के लिए कर्मियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इतना नहीं सैलरी भी ऑनलाइन अटेंडेंस के आधार पर ही मिलेगी। इस संबंध में सामान्य प्रशासन के प्रधान सचिव बी. राजेंद्र ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस मुख्यालय और विभागों के प्रमुखों को आदेश जारी कर दिया है।इसके लिए HRMS पोर्टल पर सभी कर्मियों का डेटा डालने के लिए संबंधित विभाग को कहा गया है।

16 अगस्त से ऑनलाइन अटेंडेंस नियम

दरअसल राज्य सरकार 16 अगस्त को ऑनलाइन अटेंडेंस नियम लागू करने जा रही है, इसके तहत छुट्टी समेत अन्य कामों के लिए कर्मियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।ध्यान रहें सैलरी भी ऑनलाइन अटेंडेंस के आधार पर ही मिलेगी। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के तहत अब से कर्मचारियों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। कर्मचारियों के सारे रिकॉर्ड ऑनलाइन देखे जा सकेंगे। कर्मियों का एब्सेंटी, छुट्टी या किसी भी प्रकार का मामला हो उसके लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य है. आवेदन के बाद हीं उसपर निर्णय लिया जाएगा।

1 सितंबर से छुट्टी के आधार पर सैलरी

सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया है कि वे अपने कर्मचारियों का सारा डेटा HRMS पोर्टल पर अपलोड कर दें। 16 अगस्त 2024 से कर्मचारियों को HRMS पोर्टल पर ही छुट्टी के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद सक्षम अधिकारी ऑनलाइन ही आवेदन स्वीकृत करेंगे। 1 सितंबर 2024 से HRMS पोर्टल पर स्वीकृत छुट्टी के आधार पर ही कर्मचारियों को सैलरी दी जाएगी। आदेश में आगे लिखा है सभी ट्रेज़री और क्षेत्रीय कार्यालय अराजपत्रित कर्मियों के सेवा अभिलेख या फिर राजपत्रित पदाधिकारियों का कार्यालय अभिलेख वित्त विभाग, प्रधान महालेखाकार, बिहार कार्यालय, पटना से सभी प्रकार का अवकाश ऑनलाइन रिपोर्ट देखा जाए।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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