शिमला, डेस्क रिपोर्ट। आगामी चुनावों से पहले हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग तेज हो चली है। कर्मचारी संगठन लगातार इसकी बहाली की मांग पर अड़े हुए है।गुरूवार को भी महिला कर्मचारियों ने हाथों पर मेहंदी लगातार वोट फॉर ओपीएस की मांग की। वही लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की बहाली (Old Pension Restoration) को लेकर संघर्षरत न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ (New Pension Scheme Employees Federation) ने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते क्रमिक हड़ताल को स्थगित करने का फैसला किया है।
हजारों कर्मचारियों की बड़ी तैयारी, हड़ताल का ऐलान, एरियर-महंगाई भत्ता और बोनस समेत कई मांग
कर्मचारियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान लगने वाली आचार संहिता के समय क्रमिक अनशन स्थगित करने जा रहा है। यदि कर्मचारियों को क्रमिक अनशन की जरूरत पड़ती है तो इसे फिर से शुरू किया जा सकता है। कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल करने वालों के साथ चलेंगे, नहीं तो वोट फॉर ओपीएस दिया जाएगा। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी हिमाचल दौरे पर मौजूद रहे, लेकिन उन्होंने भी पुरानी पेंशन बहाली पर चुप्पी साधे रखी।
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गुरूवार को महिला कर्मचारियों ने भी करवाचौथ पर्व पर हाथों में मेहंदी से वोट फॉर ओपीएस लिखकर मांग भी उठाई। कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश में लगभग 1.50 लाख कर्मचारी NPS और 1 लाख कर्मचारी ओपीएस के दायरे में आते हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है, लेकिन राज्य में लागू नहीं है।इसके लिए कर्मचारी 6 सालों से संघर्ष कर रहे है, बावजूद इसके अबतक फैसला नहीं लिया गया।कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर आचार संहिता से पहले प्रदेश सरकार इसकी घोषणा नहीं करती है तो सभी कर्मचारी वोट फॉर ओपीएस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
चुनाव में भुगतना पड़ेगा परिणाम
कर्मचारी-पेंशनर्स संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार तुरंत पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो मिशन रिपीट की बजाए मिशन डिलीट में बदल जाएगा। प्रदेश सरकार जल्द पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो इसका खामियाजा उन्हें आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश में उसी सरकार को सत्ता में लाया जाएगा जो सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करेगी।
सत्ता में आएंगे तो लागू करेंगे : कांग्रेस
कर्मचारियों की लगातार बढ़ती मांग के बीच कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ओल्ड पेंशन योजना( OPS)को 10 दिन में लागू करने के वादे से हलचल तेज कर रखी है। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो सत्ता में में आने के दस दिन बाद ही पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी।हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने ऐलान किया है कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही 10 दिन के भीतर कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे।
ऐसे समझें अंतर
दऱअसल, वर्ष 2003 से पहले वाले कर्मचारियों को सेवाकाल की अवधि और बेसिक के साथ DA को मिलाकर कम से कम 9000 पेंशन मिलता है, जबकि NPS के तहत 2 लाख रुपये तक की जमाराशि पर न्यूनतम 554 रुपये मासिक पेंशन है। इसमें पेंशनर अधिकतम 5000 रुपये, औसतन 2200 से 3000 तक है। हर माह 22 तारीख को बेसिक व DA का 14% हिस्सा NSDL कंपनी के खाते में जाता है। कर्मचारियों का 10% और सरकार की ओर से 14% हिस्सा यानी दोनों शेयर बाजार में निवेश होते हैं।NPS के तहत कर्मचारियों की संख्या 1.10 लाख तो OPS के तहत 80000 है। छठे वेतन आयोग में अब OPS के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी को न्यूनतम 18000 पेंशन देने का प्रविधान है। NPS लागू होने के बाद 700 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए और 600 मासिक पेंशन ले रहे हैं।