सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए बड़ी खबर, राज्य सरकार ने जारी किया ये आदेश, 2 अक्टूबर से लागू, करना होगा पालन

Pooja Khodani
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मुबंई, डेस्क रिपोर्ट। महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों (Government Employees Officers) के लिए बड़ी खबर है।आज रविवार 2 अक्टूबर से राज्य के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को मोबाईल कॉल आने पर अनिवार्य रूप से नमस्ते-हैलो के बजाय ‘वंदे मातरम’ कहना होगा।इस संबंध में महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने सरकारी संकल्प जारी किया है।महात्मा गांधी जयंती और अमृत महोत्सव के तहत यह बदलाव दो अक्टूबर से लागू किया जाएगा।

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शनिवार को महाराष्ट्र के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी सरकारी संकल्प में कहा गया है कि अब सरकारी कर्मचारियों को फोन पर ‘हैलो’ की बजाय ‘वंदेमातरम’ बोलना होगा। यह नियम गांधी जयंती यानी आज 2 अक्टूबर से लागू होगा।साथ ही कहा गया है कि अधिकारी उनसे मिलने आने वाले लोगों में भी वंदे मातरम का अभिवादन के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए जागरूकता पैदा करें, इस आदेश की कॉपी सभी विभागों में भेज दी गई हैं।इस बीच आज वर्द्धा गांधी जी के सेवाग्राम में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य के सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुंनगंटीवार हेलो के बदले वंदे मातरम बोलने के अभियान की शुरूआत करेंगे।

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बता दे कि बीते दिनों महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि नमस्ते और हैलो एक अंग्रेजी शब्द है और इसे छोड़ना महत्वपूर्ण है। वंदे मातरम केवल एक शब्द नहीं है, यह हर भारतीय द्वारा अनुभव की जाने वाली भावना है। हम आजादी के 76वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, हम स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, इसलिए मैं चाहता हूं कि अधिकारी-कर्मचारी नमस्ते के बजाय फोन पर ‘वंदे मातरम’ कहें।  राज्य में शिंदे सरकार बनने के बाद ही मंत्री ने ऐसे निर्देश का प्रस्ताव रखा था, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा राज्य मंत्रिमंडल में विभागों को सौंपे जाने के तुरंत बाद, उन्होंने अपने पहले फैसलों में से एक में यह घोषणा की।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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