अधिकारियों कर्मचारियों के लिए अपडेट, 30 सितंबर से पहले पूरा कर लें ये काम, वरना नहीं मिलेगी सितंबर की सैलरी, जारी हुए ये निर्देश

मानव संपदा पोर्टल' पर संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध कराने वाले कर्मचारियों को ही सितंबर महीने का दिया जाएगा।

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UP Employees News: उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए बड़ी खबर है। 30 सितंबर तक चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी अटक सकती है, क्योंकि राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ब्योरा ना देने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने की तैयारी में हैं। कर्मचारियों का ब्योरा अपलोड ना होने पर संबंधित डीडीओ का वेतन भी रोका जाएगा।

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षों को आदेश जारी कर मानव संपदा पोर्टल पर 30 सितंबर तक संपत्ति की घोषणा करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का ही सितंबर महीने का वेतन देने का आदेश दिया है।मानव संपदा पोर्टल’ पर संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध कराने वाले कर्मचारियों को ही सितंबर महीने का दिया जाएगा। इसके लिए समीक्षा की ज़िम्मेदारी डीडीओ को दी गई थी, उनको भी जवाबदेह बनाया गया है।

1 लाख कर्मचारियों का अटक सकता है सितंबर का वेतन

  • मुख्य सचि ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि अब तक 90 फीसद कर्मचारी अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा पोर्टल पर जारी कर चुके हैं। 12 सितंबर तक 8,44,374 राज्य कर्मचारियों में से 7,19, 807 कर्मचारियों ने अपना विवरण उपलब्ध करा दिया था।अबतक एक लाख से अधिक कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है।इसमें आईएएस, पीसीएस, अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी सभी शामिल हैं।
  • सभी कर्मियों की संपत्ति का ब्योरा निर्धारित अवधि में पोर्टल पर दर्ज कर दिया जाए। अगर पोर्टल पर यह प्रदर्शित नहीं हो रहा है तो संबंधित नोडल अधिकारी एनआईसी से संपर्क कर समाधान निकालें। जिन कार्मिकों को संपत्ति का विवरण पोर्टल पर दर्ज करने से छूट दी गई है, इस छूट की सूचना भी पोर्टल पर उपलब्ध रहनी चाहिए।मुख्य सचिव के ओर से जिन्होंने अपना ब्यौरा नहीं दिया है उनके वेतन रोकने के निर्देश दे दिए गए हैं।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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