अरविंद केजरीवाल की जमानत पर आज सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जेल से बाहर आएंगे या नहीं?

Delhi: आज सुप्रीम कोर्ट अरविंद केजरीवाल की जमानत पर अहम फैसला सुनाने वाला है। केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर विवाद चल रहा है और यह देखा जाएगा कि उन्हें रिहाई मिलेगी या नहीं।

भावना चौबे
Published on -
Arvind Kejriwal

Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई (CBI) मामले में जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला राजनीतिक गलियारों में इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है। अरविंद केजरीवाल पर लगे आबकारी नीति घोटाले के आरोपों के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला आज होने वाला है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज यानी शुक्रवार को इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा।

आपको बता दें, केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और जमानत याचिका दायर की है। न्यायालय ने इस मामले पर 5 सितंबर को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब सभी की नजरे फैसले पर टिकी है क्योंकि इससे दिल्ली की राजनीति पर गहरा असर पड़ने वाला है।

26 जून को किया था गिरफ्तार

यदि अदालत केजरीवाल को जमानत देती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे क्योंकि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें, सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था। उस समय वे ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही हिरासत में थे।

 वकील सिंघवी ने दलील दी

हाई कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने को कहा था। इसके बाद केजरीवाल ने दोनों ही आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। जिसमें केजरीवाल ने यह दावा किया है कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी थी और उन्हें तुरंत रिहा कर दिया जाना चाहिए। इसमें उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी दलील दी उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 41 ए (Section 41A of the Criminal Procedure Code) के तहत पूछताछ का नोटिस दिए बिना गिरफ्तारी करना गैरकानूनी है।

CBI का जमानत पर विरोध

इस बात पर सीबीआई ने विरोध करते हुए गंभीर आरोप लगाए। सीबीआई का कहना था कि केजरीवाल ने जमानत के लिए सीधे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर कानूनी प्रक्रिया को उल्लघंन किया है। इतना ही नहीं सीबीआई का यह कहना भी है कि अगर केजरीवाल को जमानत मिल जाती है तो वह बाहर आकर सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं, जिससे मामले की जांच में परेशानियां आ सकती हैं।

 


About Author
भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

Other Latest News