नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। अब कोई भी आधार (Aadhar) कार्ड का मिसयूज नहीं कर पाएगा। आधार की सुरक्षा और इसका दायरा बढ़ाने के लिए यूआईडीएआई (UIDAI) ने पूरी तैयारी कर ली है। अब जन्म और मृत्यु के डेटा (birth and death data) को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। इसके लिए UIDAI) जल्दी ही दो पायलट प्रोग्राम शुरू करने वाली है। अब नवजात शिशु को भी एक अस्थाई आधार नंबर (Temporary Aadhaar number) दिया जाएगा जिसका बाद में इसे बायोमेट्रिक डेटा अपग्रेड कर दिया जाएगा। इसके अलावा मृत्यु होने पर उस व्यक्ति के मृत्यु पंजीकरण रिकॉर्ड को भी आधार के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि इन नंबर का मिसयूज ना किया जा सके।
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एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे के जन्म के साथ ही आधार नंबर अलॉट करने से बच्चे और परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने की सुनिश्चितता रहेगी। इसी तरह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के दुरुपयोग को रोकने के लिए मृत्यु के डेटा को आधार को जोड़ा जाएगा। अभी कई ऐसे मामले प्रकाश में आये हैं जहाँ मौत के बाद भी मृतक के आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अभी पांच से 18 साल की उम्र वाली 93 फीसदी आबादी का आधार कार्ड का रजिस्ट्रेशन पूरा हुआ है। वहीँ पांच साल से कम उम्र के बच्चों का रजिस्ट्रेशन मात्र 25 फीसदी है। हम शहरों और राज्यों के जन्म पंजीकरण डेटाबेस और मृत्यु से जुड़े आंकड़ों को सरकारी और निजी अस्पतालों से मंगवाकर क्रॉस वेरिफाय करेंगे। ऐसे कई मामले हैं जहाँ लाभार्थियों की मौत के बाद भी सरकारी योजनाओं का लाभ कोई और उठा रहा है, क्योंकि उनके आधार नंबर अब भी एक्टिव हैं।
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UIDAI ने जीरो आधार (Zero Aadhaar) अलॉट करने की भी योजना बनाई है। ऐसे लोग है जिनके पास जन्म, निवास या आय को कोई प्रमाण नहीं होता, उन्हें जीरो आधार दिया जाएगा। ऐसा करने पर जहाँ फर्जी आधार नंबर जेनरेटकरने पर रोक लगेगी वहीँ एक व्यक्ति को एक से ज्यादा आधार नंबर अलॉट करना भी बंद हो जाएगा।