कैबिनेट के फैसले पर कर्मचारियों में बढ़ा आक्रोश, वापस लेने पर अड़े, जानें ग्रेड पे मामले पर नई अपडेट

Pooja Khodani
Updated on -
government employees

देहरादून, डेस्क रिपोर्ट। उत्तराखंड में पुष्कर धामी सरकार के सरकारी विभागों के ग्रेड पे को डाउन ग्रेड करने संबंधी कैबिनेट फैसले को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।एक तरफ कर्मचारी संघ फैसले को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए और प्रदर्शन करके अपना विरोध जता रहे है, वही दूसरी तरफ राज्य सरकार की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं आया है, हालांकि अभी तक कैबिनेट नोट के आधार पर शासनादेश भी जारी नहीं किया गया है।

MPPSC: उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर, 74 पदों पर निकली है भर्ती, 23 अगस्त से शुरू होंगे आवेदन, जानें आयु पात्रता

उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने भी 7 अगस्त को काला फीता बांधकर डाउनग्रेड वेतन से संबंधी कैबिनेट का विरोध किया  और मांग  ना मानने पर आगामी आदेश तक हड़ताल पर जाने की बात कहीं।वही 8 अगस्त से 14 अगस्त तक मुख्यमंत्री, विधायकों और मंत्रियों के नाम ज्ञापन भेजने की तैयारी की है।। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि यदि सेवारत कर्मचारियों के हितों पर ग्रेड-पे के फैसले की आंच आई तो वह भी विरोध करने से पीछे नहीं हटेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बढ़ते विरोध के बीच उत्तराखंड सरकार का दावा है कि ग्रेड-पे से जुड़े फैसले से सेवारत कर्मचारियों के हित प्रभावित नहीं होंगे। यह फैसला केवल नए कार्मिकों पर ही लागू होगा।लेकिन सचिवालय संघ का का कहना है कि राज्य सरकार यह गारंटी दे कि सेवारत कर्मचारियों के हित प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने आशंका जाहिर की कि फैसले को लेकर स्पष्टता नहीं है। सरकार को इसे स्पष्ट करना होगा।

MP Weather: एक साथ 7 सिस्टम एक्टिव, 28 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज-येलो अलर्ट

इतना ही नहीं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का भी कहना है कि राज्य सरकार को कैबिनेट का फैसला लागू करने से पहले इसे लेकर बने भ्रम को दूर करना चाहिए। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाकर चर्चा करनी चाहिए। यदि सेवारत कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे तो परिषद इसका विरोध करेगी।

समिति भी आर-पार के मूड में

इससे पहले उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति का कहना था कि विधानसभा चुनाव से पहले समिति की मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से वार्ता हुई थीं, जिसमें कई बिन्दुओं पर चर्चा हुई थी और इस संबंधन शासन ने आदेश भी जारी कर दिए गए और अभी कई जारी होना बाकी है, लेकिन जो जारी हुए है, जिसमें कई विसंगतियां है। डाउन ग्रेड वेतन के निर्णय में कहीं भी यह स्पष्ट नहीं है कि वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों के पदोन्नति के पदों पर वर्तमान व्यवस्था एवं नियमों के अंतर्गत पदोन्नतियां की जाती रहेंगी या नहीं। समिति ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने डाउन ग्रेड वेतन के निर्णय को वापस नहीं लिया तो इस बार की लड़ाई आर पार की होगी।

ये है पूरा मामला

दरअसल, पिछले महीने पुष्कर धामी कैबिनेट बैठक में फैसला लिया कि राज्य सरकार व उसके सार्वजनिक उपक्रमों व अन्य संस्थाओं में जो कार्मिक भर्ती से सेवा में आएंगे, उनका वेतनमान केंद्र सरकार के संवर्गों से अधिक नहीं होगा।यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण प्रदेश सरकार पर अपने खर्चों को कम करने और आय बढ़ाने का भारी दबाव है।इधर फैसले को लेकर प्रेस ब्रीफिंग होती इसके पहले ही सचिवालय संघ इसे वापस लेने और आंदोलन की सरकार को चेतावनी दे डाली। हालांकि मुख्यमंत्री के दखल के बाद वित्त और कार्मिक विभाग के अधिकारियों और सचिवालय संघ के पदाधिकारियों के बीच वार्ता हुई और विवाद के गहराने की संभावना के मद्देनजर फैसला लटक गया।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News