पेंशनर के पेंशन लाभ पर अपडेट! हाई कोर्ट ने 30 अगस्त तक मांगा जवाब, जानें पूरा मामला

Pooja Khodani
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जयपुर, डेस्क रिपोर्ट। राजस्थान के तृतीय श्रेणी शिक्षक रामस्वरूप शर्मा के सेवानिवृत्ति के बाद उसके चयन को अवैध मानने और पेंशन का लाभ ना देने के मामले में नई अपडेट सामने आई है। राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने इस संबंध में बीकानेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला शिक्षाधिकारी से जवाब के साथ 30 अगस्त को हाजिर होने के आदेश दिए हैं।

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यह याचिका तृतीय श्रेणी के सेवानिवृत्त शिक्षक रामस्वरूप शर्मा ने दायर की थी, जिसकी पैरवी अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने की। लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति 24 अप्रैल 1990 को बीकानेर जिला परिषद में हुई थी, लेकिन विभाग में कई बार अभ्यावेदन देने के बाद भी उन्हें नियमित नहीं किया गया। इतना ही नहीं जून 2018 को जब वे जयपुर के दूदू से सेवानिवृत्त हुए तो उन्हें पेंशन का परिलाभ भी नही दिया गया।

इसके बाद रामस्वरुप द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए बीते दिनों हाई कोर्ट विभाग से जवाब मांगा था, जिस पर कहा गया था कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति पूर्ण रूप से अस्थाई तौर पर हुई थी। शिक्षक ने अप्रैल 1999 को जिला स्थापना समिति को अध्यापक चयन के लिए आवेदन किया, लेकिन संवीक्षा रिपोर्ट पर प्रभारी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं होने तक BSTC की डिग्री की जांच रिपोर्ट नहीं होने के कारण चयन नहीं किया गया और फिर उनका तबादला बीकानेर से जयपुर हो गया। ऐसे में रिकॉर्ड के अभाव में आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई।

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वही जयपुर से भी इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं आने के चलते जिला स्थापना समिति, बीकानेर द्वारा चयन की कार्रवाई नहीं की गई। वही विभाग ने याचिकाकर्ता के डिप्लोमा की जांच के लिए कमेटी भी गठित की थी, जिसमें कमिटी को यह जानकारी मिली कि प्रयागराज हाईकोर्ट के वर्ष 2004 के आदेश पर संस्था का रिकॉर्ड सीज होने के कारण याचिकाकर्ता की अंकतालिका का सत्यापन नहीं हो पाएगा।

वहीं कमेटी को राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान, कानपुर की रजिस्ट्रार गीता मिश्रा ने याचिकाकर्ता को उपाधि नहीं दी है, ऐसे में जिला स्थापना समिति ने गत 2 अगस्त को याचिकाकर्ता के प्राइमरी टीचर प्रमाण पत्र को वैध नहीं मानते हुए उनका स्थायीकरण नहीं करने का निर्णय लिया है।सुनवाई के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक की सेवानिवृत्ति के बाद उसके चयन को अवैध मानने पर बीकानेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला शिक्षाधिकारी को तीस अगस्त को हाजिर होने के आदेश दिए हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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