भाजपा का पलटवार, AAP का मतलब एंटी औरत पार्टी, पूछा- कब चुप्पी तोड़ेंगे केजरीवाल, कौन से राज है बिभव कुमार के पास?

पीटने वाले आप से, पिटने वाली आप से, पिटाई का स्थान आप का स्थान, पिटाई की पुष्टि करने वाले आप के, पिटाई के गवाह आप के लोग नाम किसी और का , गजब स्ट्रेटेजी है , ये है आप का स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर, हमारा न लेना ना देना लेकिन हमें रोज गाली देना, यदि स्वाति मालीवाल इतनी ख़राब थी तो राज्यसभा क्यों भेजा ?

Atul Saxena
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Shehzad Poonawalla

BJP counterattack: AAP means anti-women party : स्वाति मालीवाल मामले में आम आदमी पार्टी द्वारा भाजपा पर आरोप लगाये जाने के बाद भाजपा ने इसका जवाब दिया है, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा आम आदमी पार्टी को बताना पड़ेगा कि संजय सिंह ने जो पिटाई की जो बात स्वीकारी थी वो सही है या फिर आज जो आतिशी ने कहा हैं वो सही है, शहजाद ने कहा कि बिभव कुमार को बचाने वाले अरविंद केजरीवाल कब अपनी चुप्पी तोड़ेंगे, वो देश को बताएं आखिर क्या मजबूरी है कौन से राज बिभव कुमार के पास छिपे हुए हैं, शहजाद पूनावाला ने आम का मतलब बताते हुए उसे एंटी औरत पार्टी बताया।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आप सरकार की मंत्री आतिशी के स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर वाली टैग लाइन का जवाब देते हुए कहा भ्रष्टाचार, दुराचार, दुष्प्रचार यही बन चुका है आम आदमी पार्टी का विचार और शिष्टाचार, उन्होंने कहा कि हमने द्रौपदी का चीरहरण का सुना है लेकिन आधुनिक काल में द्रौपदी के साथ ना केवल चीरहरण होता है बल्कि चरित्रहरण भी होता है, इसमें दुशासन (बिभव कुमार) भी है जो गिरफ्तार हो गया है, दुर्योधन (केजरीवाल) भी है और धृतराष्ट्र (इंडी गठबंधन) भी है जो इसे इन्टरनल मैटर कह रहे हैं और पर्दा डाल रहे हैं।

महिला की विक्टिम शेमिंग को कैसे स्वीकार करेंगे?

शहजाद ने कहा कि पहले साइलेंस फिर एक्सेप्टेंस फिर डिफेन्स फिर डिस्गस्टिंग ओफेंस, ये आप की स्ट्रेटेजी है, ये बहुत संवेदनशील मुद्दा है, मुझे आश्चर्य हुआ कि आतिशी अपना मंत्री पद बचाने के लिए इस तरह एक महिला का चरित्र हनन करेंगी, यानि स्वाति मालीवाल लंगड़ा नहीं रही, उनके कपड़े नहीं फटे, रोये नहीं, शरीर पर चोट ना दिखे तो उनके साथ कुछ नहीं हुआ, इसे कहते हैं विक्टिम शेमिंग, इसे हम कैसे स्वीकर करेंगे, क्या किसी भी पीड़ित महिला के लिए आप के यही विचार हैं?

आप बताये संजय सिंह सही या आतिशी, कौन सच्चा, कौन झूठा ?

आम आदमी पार्टी को बताना होगा कि कौन सही है संजय सिंह जिन्होंने मारपीट की बात स्वीकार की थी या फिर आतिशी जो स्वाति मालीवाल के केस को झूठा बता रहीं हैं, 72 घंटों में आखिर ऐसा क्या हुआ? बताएं कौन झूठा कौन सच्चा है? उन्होंने पूछा अरविंद केजरीवाल चुप क्यों हैं? एक घंटे की घटनाक्रम की सिलेक्टिव कुछ कुछ सेकण्ड की क्लिप क्यों जारी की जा रही है, पूरा वीडियो कहाँ हैं?

बिभव कुमार पपेट उसे चलाने वाले अरविंद केजरीवाल

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि बिभव कुमार तो पपेट हैं उसे चलाने वाले अरविंद केजरीवाल है, इसीलिए वो चुप हैं बिभव हथियार हैं और उसे चलाने वाले केजरीवाल हैं, आम आदमी पार्टी बताये वो किसके साथ है एक ऐसे आदमी के साथ जिसका पुराना अपराधिक रिकॉर्ड है या अपनी ही पार्टी की महिला सांसद के साथ? उन्होंने इंडी गठबंधन पर भी सवाल उठाये कि ये सब चुप क्यों हैं ?लड़की हूँ लड़ सकती हूँ वाली प्रियंका गांधी कहा हैं, राहुल गांधी कहाँ हैं?

पीटने वाले ले लेकर गवाह तक आप के और नाम किसी और का, गजब स्ट्रेटेजी है 

उन्होंने कहा एक लोजिकल सवाल है, पीटने वाले आप से, पिटने वाली आप से, पिटाई का स्थान आप का स्थान, पिटाई की पुष्टि करने वाले आप के, पिटाई के गवाह आप के लोग नाम किसी और का , गजब स्ट्रेटेजी है , ये है आप का स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर, हमारा न लेना ना देना लेकिन हमें रोज गाली देना, यदि स्वाति मालीवाल इतनी ख़राब थी तो राज्यसभा क्यों भेजा?

केजरीवाल बताएं वो बिभव कुमार को क्यों बचाना चाहते हैं?

शहजाद ने कहा कि इस पूरे मामले में सच्चाई क्या है कौन बताएगा अरविंद केजरीवाल ही स्पष्टीकरण देंगे, लेकिन वे चुप हैं, उन्होंने पुराने उदाहरण देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी का महिला शोषण का पुराना इतिहास रहा है इसलिए AAP का मतलब है एंटी औरत पार्टी, केजरीवाल सामने आयें और बताएं कि ऐसे कौन से राज हैं बिभव कुमार के पास जो आप उसे शेल्टर दे रहे हैं? देश की जनता सब देख रही आपको कभी माफ़ नहीं करेगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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