BJP’s statement on Arvind Kejriwal’s resignation : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा के बाद से देश की सियासत गरमा गई है, दिल्ली सरकार की बर्खास्तगी के लिए राष्ट्रपति को पत्र सौंपने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए ये अप्रत्याशित रहा कि अचानक केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये केजरीवाल के जुर्म का इकबालिया बयान है, यानि आपने ये मान लिया कि आप पर जो आरोप हैं उसके साथ आप मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह सकते।
यू टर्न लेने, अप्रत्याशित फैसले लेने, अपने ही बयान से बार बार मुकरने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर वही किया जिसके लिए वे प्रसिद्द है, दिल्ली आबकारी नीति घोटाले मामले में ईडी और फिर सीबीआई की गिरफ्त में आये अरविंद केजरीवाल पिछले कई महीनों से तिहाड़ जेल में थे उनसे कई बार इस्तीफा मांगा गया लेकिन उन्होंने कहा वे इस्तीफा नहीं देंगे जेल से ही सरकार चलाएंगे लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद बाहर आते ही अपनी आदत के मुताबिक केजरीवाल ने यू टर्न लिया और अज कह दिया कि वे दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे।
इस्तीफे की बात कर केजरीवाल ने सबको चौंकाया
भारतीय जनता पार्टी उनसे बहुत दिनों से इस्तीफा मांग रही थी लेकिन केजरीवाल और उनकी पार्टी इंकार कर रही थी लेकिन आज केजरीवाल ने इस्तीफे के बात कर भाजपा सहित सियासी पंडितों का चौंका दिया, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दो दिन बाद मंगलवर को वे मुख्य्म्नात्री पद से इस्तीफा दे देंगे।
BJP का सवाल, इस्तीफा देना है तो फिर 48 घंटे क्यों मांगे
भाजपा ने इसपर पलटवार किया है, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्य सभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने मीडिया से पार्टी ऑफिस में बात करते हुए कहा कि जेल में रहते हुए केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया बाहर आते ही इस्तीफा देने की बात क्यों की, इतना ही नहीं देश और दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि ये दो दिन यानि 48 घंटे की बात क्या है ?उन्होंने कहा कि आप देश के आप (अरविंद केजरीवाल) देश के पहले मुख्यमंत्री बने हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित हैं। आप कार्यालय नहीं जा सकते, कोई फाइल साइन नहीं कर सकते, जिस मुद्दे में आप आरोपी हैं, उसमें बयान नहीं दे सकते। भारत के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं होगा जिसमें किसी मुख्यमंत्री को सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित किया गया हो। तो फिर क्यों चाहिए 48 घंटे?
सुधांशु त्रिवेदी बोले- इस्तीफे की बात करना उनके जुर्म का इकबालिया बयान है
सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल किया वो कौन सा निजी काम है, कौन सी निजी चीज है जिसके लिए अरविंद केजरीवाल को 48 घंटे चाहिए उन्होंने कहा कि इस सबसे हम ये भी कहना चाहेंगे कि जब केजरीवाल ने इस्तीफे की बात की तो हम ये कह सकते हैं ये उनके जुर्म का इकबालिया बयान हो गया यानि उन्होंने मान लिया कि जो आरोप उन पर लगे हैं वो इस लायक है कि वे सीएम के पद पर नहीं रह सकते।
BJP दिल्ली बोले जब जनता पूछेगी कि चार लाख का कमोड कैसा होता है तो क्या जवाब दोगे ?
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार का कोई भी एक विभाग ऐसा नहीं है जिसमें अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार नहीं किया हो, 8 लाख के परदे और 2 करोड़ के बिस्तर पर सोने वाले अरविंद केजरीवाल देश की जनता आपके उस शीशमहल को कैसे भूलेगी? आपको जनता को बताना पड़ेगा कि चार चार लाख का कमोड कैसा होता है?
आप (अरविंद केजरीवाल) देश के पहले मुख्यमंत्री बने हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित हैं। आप कार्यालय नहीं जा सकते, कोई फाइल साइन नहीं कर सकते, जिस मुद्दे में आप आरोपी हैं, उसमें बयान नहीं दे सकते।
भारत के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं होगा जिसमें किसी मुख्यमंत्री को… pic.twitter.com/aL3wux5FeY
— BJP (@BJP4India) September 15, 2024
Arvind Kejriwal's 'two-day leave period' before resignation is nothing but a smart act of transferring assets.
This move seems desperate, not accountable.
– Shri @Virend_Sachdeva
Watch the full video: https://t.co/Drvwn5LYbe pic.twitter.com/3qikoz4rBg
— BJP (@BJP4India) September 15, 2024