पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने इस केमिकल इंजीनियर ने निकाला हल

दिल्ली। देश भर में फसलों के बाद किसान नरवाई जलाते है। जिससे अगली फसल के लिए जमीन को तैयार किया जा सके। लेकिन नरवाई जलाना अब पर्यावरण के लिए खतरा भी बनता जा रहा है। दिल्ली से सटे हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा नरवाई जलाना के बाद बड़े पैमाने पर प्रदूषण होता है। दिल्ली में तो हर साल हालात खराब हो रहे हैं। ऐसे में इसका विकल्प खोजने के लिए कई तरह के रिसर्च किए जा रहे हैं। इसका एक रास्त शुभम सिंह ने भी तलाशा है। शुभम क्रास्ट नाम की एक कंपनी के सीईओ हैं। यह कंपनी किसानों से उनकी फसलों का वेस्ट खरीदती है। जिससे पर्यावरण को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।

दरअसल, शुभम सिंह लंदन के इंपीरियल कॉलेज से पढ़ें हैं। उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह अब पर्यावरण को बचाने के साथ ही किसानों से उनकी फसल का वेस्ट खरीद रहे हैं। शुभम ने बताया कि, ”जब मैंने दिल्ली में होने वाले वायु प्रदूषण के बारे सुना तो मुझे इसके बारे में फिक्र हुई। किसान नई फसल के लिए नरवाई को जलाते हैं। जिससे बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण होता है। इससे होने वाले प्रदूषण से आम लोगों की जान को भी खतरा रहता है। मैं इस बारे में कुछ करना चाहता था। फिर मैंने एक फैलोशिप प्रोग्राम के लिए अपलाई किया। उन्होंने बताया कि वह सैंकड़ों किसानों से मिले। उन्होंने किसानों से नरवाई को जलाने का कारण भी जाना। दो बड़ी वजह सामने आईं। एक तो किसानों के पास समय कम होते है अपनी अगली फसल को लगाने के लिए इसलिए वह बचे हुए शेष और नरवाई को आग लगा देते हैं। दूसरा ये कि जिन मशीनों के इस्तेमाल से नरवाई को आग लगाने के बजाए निकाला जा सकता है उनकी कीमत बहुत अधिक होती है। किसान वह खरीद नहीं पाता है।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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